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Sam Pitroda resigns from Indian Overseas Congress President post सैम पित्रोदा का इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा, कांग्रेस में डैमेज कांट्रोल की कोशिश

नई दिल्ली। Sam Pitroda resigns from Indian Overseas Congress President post भारतीय लोगों पर नस्लीय टिप्पणी कर के विवादों में आने वाले सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को कांग्रेस ने तुरंत मंजूर भी कर लिया। इसके बारे में कांग्रेस के कद्दावर नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी है।

Sam Pitroda resigns from Indian Overseas Congress President post कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने X पर लिखा- पित्रौदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बता दें कि बुधवार सुबह ही सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं। बयान देने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया।

Sam Pitroda resigns from Indian Overseas Congress President post पीएम मोदी ने कांग्रेस की सोच पर उठाए थे सवाल

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के भारतीय लोगों पर नस्लीय टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज मैं बहुत गुस्से में हूं। लोग मुझे गाली दें तो मैं गाली सह लेता हूं; लेकिन शहजादे के फिलॉसफर ने इतनी बड़ी गाली दी है कि मेरे मन में गुस्सा भर गया है।

मोदी ने कहा, ‘क्या मेरे देश में चमड़ी का रंग देखकर लोगों की योग्यता तय होगी। चमड़ी के रंग का खेल खेलने का हक शहजादे को किसने दिया है। संविधान सर पर लेकर नाचने वाले लोग मेरे देश का अपमान कर रहे हैं।

Indian Overseas Congress President post कौन हैं सैम पित्रोदा

सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। राहुल गांधी समय-समय पर उनसे मुलाकात कर कई मुद्दों पर उनसे सलाह-मिशवरा करते रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी उनको राहुल गांधी का अंकल कहकर तंज कसती है।

सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आमंत्रण पर उन्होंने टेलीकॉम के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानी ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स’ की स्थापना की थी।

Indian Overseas Congress President post उनकी क्षमता से प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उनकी डोमेस्टिक और फॉरिन टेलीकॉम पॉलिसी को दिशा देने का काम किया। सैम पित्रोदा साल 2005 से 2009 तक भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं, वह भारत के दूर संचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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