कटाक्ष

Good governance and hundred days : गुरुजी स्टाइल में कप्तान बोले- “मुर्गा बना दूंगा,वन टू का फोर करने काले स्टीम के पुराने..शोले पार्ट.2, पेटी के लिए बैठी पंचायत..

गुरुजी स्टाइल में कप्तान बोले- “मुर्गा बना दूंगा…”

 

अमूमन मुर्गा बनाने और बनने की बात होते रहती है। मुर्गा गुरुजी अपने छात्रों को बनाते हैं और मुर्गा कभी कभार लोग बन जाते हैं। इन दिनों कड़क कप्तान भी गुरुजी के रोल में हैं। पुलिस महकमे के चालबाज अफसरों को दो टूक शब्दों में “मुर्गा बना दूंगा”..का पाठ पढ़ा रहे है!”

ये वाकया पिछले दिनों एक थाने में हुए शिकायत निवारण में देखने को मिला। वैसे तो थानेदार घाट घाट के पानी पीने वाले हैं और लोगों को मुर्गा बनाने की स्कीम तैयार करते रहते हैं, लेकिन कप्तान के सामने उनकी एक न चली, तब तमतमाये कप्तान को थानेदार की चतुराई देख कहना पड़ा “अगर यूं ही चलता रहा तो मुर्गा बना दूंगा..!”

साहब के तेवर देख खाकी के खिलाड़ियों को कुछ सेकेंड के लिए तो सांप सूंघ गया। कप्तान के तेवर को देख जिलेभर के थानेदार सोच में पड़ गए हैं कहीं साहब सही में मुर्गा बना दिया तो क्या होगा। खैर यह भी सच हैं कप्तान तो सख्त होते ही हैं उसके बाद भी चतुर थानेदार थाना अपने हिसाब से ही चलाते हैं।

कहा तो यह भी जा रहा है कि नदी उस पार कोयलांचल के एक थाने में डीजल चोर के सरगना का आना जाना शुरू हो गया है। मतलब साफ है कुछ भी हो पर ऊपरी मलाई तो थानेदारों को चाहिए ही चाहिए। यह बात भी सही है कप्तान के थाना चौकियों के निरीक्षण से पुलिसिंग चुस्त हो न हो लेकिन कैम्पस जरूर दुरुस्त हो रहा है।

 

वन टू का फोर करने काले स्टीम के पुराने खिलाड़ी सक्रिय…

 

एसईसीएल की कोल माइंस से निकलने वाले स्टीम कोयले के लिए सरकार बदलते ही पुराने खिलाड़ी स्कीम लांच करने सक्रिय हो गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में कोल माफिया की भूमिका का निर्वहन करने वाले एक व्यवसायी द्वारा सेटिंग के लिए अपने गाड़ी में कमल का फूल प्रिंट करवाने की बात चर्चा में है। कहा तो यह भी जा रहा है नए नवेले सरकार में मंत्री बने विधायक के सिपहसालारों को काले स्टीम का स्कीम साझा करते हुए एक्स्ट्रा मुनाफे का वन टू का फोर का गणित समझा रहे हैं।

काले हीरे के जानकारों की माने तो लंबे समय बाद कोयले की दरों में उछाल आया है। सो रेट बढ़ने से कोयला व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ने वाली है। लिहाजा मलाई वाले काले स्टीम को निकालने के लिए कुछ भाजपाइयों के साथ बैठक कर एक्स्ट्रा मुनाफा कमाने और शहर में अपना सिक्का चलाने स्क्रिप्ट लिखने की बात सुर्खियां बटोर रही हैं। हालांकि इस बात का खुलासा अभी नहीं हुआ है कि अब पहले की तुलना में खर्चा कितना बढ़ाना पड़ेगा.. लेकिन, अभी तो स्टीम कोयले के लिए स्कीम लांच होने की सूचना से अवैध कारोबारी जगत में खलबली मची हुई है।

शोले पार्ट.2

 

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राजनीतिक पर्दे में शोले वाली जय और वीरू की जोड़ी काफी चर्चा में रही। 2018 के विधानसभा चुनाव में इसी जोड़ी ने 15 साल की बीजेपी सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया था। लेकिन कांग्रेस सत्ता के इन साल में जय और वीरू की जोड़ी में गले.शिकवे सामने आते रहे और कांग्रेस का बेड़ा ग़र्क़ हो गया।

लेकिन दिल्ली में बैठे कांग्रेस आलाकमान अब इसी जोड़ी को ​छत्तीसगढ़ से बाहर निकाल कर राष्ट्रीय राजनीति के बड़े पर्दे में उतार चुकी है। कांग्रेस के दिल्ली कार्यालय में उनके लिए शोले पार्ट.2 में नए किरदार गढ़े गए हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पार्टी ने नेशनल एलायंस कमेटी का सदस्य बना दिया और टीएस सिंहदेव को घोषणापत्र समिति का संयोजक नियुक्त कर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी भूमिका छत्तीसगढ़ में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अहम होने वाला है।

 

पार्टी ने छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को भी बदल दिया। उनकी जगह राजस्थान से सचिन पायलेट की छत्तीसगढ़ में लैंडिंग हो चुकी है। हालांकि उनके विरोधी इसे क्रैश लैंडिंग बता रहे हैं मगर वो भी मानकर चल रहे हैं कि जय और वीरू की जोड़ी लोकसभा में कोई कमाल दिखा सकती है।

पेटी के लिए बैठी पंचायत.. कमाल से लाल

कांग्रेस सरकार के जनप्रतिनिधियों की मनमानी और 40 पेटी खर्चे पर अब पंचायती शुरू हो गई है। मामला कोरबा जनपद पंचायत का है जहाँ जनपद निधि के 40 लाख की हेराफेरी होने की बात कही जा रही है। जनपद प्रतिनिधियों के मनमानी की बात जब खबरें आम हुई तो जनपद सदस्यों की पंचायती बैठ गई।

 

पैसे के हिसाब को लेकर बैठे पंचायती में इस बात बहस शुरू हुई कि आखिर पूरे जनपद क्षेत्र के विकास का पैसा सिर्फ तीन पंचायत करुमौहा, गोढ़ी और बरीडीह में ही क्यों खर्चा हुआ। वो भी ठेकेदारी प्रथा से, मतलब साफ है जनपद पंचायत को अपने मुट्ठी में रखने वाले जनप्रतिनिधियों ने मनमानी पूर्वक तीन पंचायतों में पैसा भेजा और विड्राल कराकर अपने जेब में भर लिया..! सो हंगामा तो बनता है। सामान्य सभा की बैठक में हंगामा बढ़ा तो उपाध्यक्ष मीटिंग से गायब हो गए। उड़ती खबर की माने तो जिन तीन पंचायतों में रकम भेजने का दावा किया जा रहा है उस पंचायतों में काम हुआ ही नहीं और रकम निकल गई है। ये तो रही मात्र जनपद विकास निधि की बात।
इसके अलावा कोरबा जनपद में बने गौठानों में एक काम कराने के एवज तीन मद के पैसे को खर्च करने की बात जोर पकड़ रही है। कहा तो यह भी रहा है कि पंचायत के रकम से कई सचिव कमाल करते हुए लाल हो गए है। अब सरकार बदली है तो बिना काम के रकम हजम करने वाले जनप्रतिनिधि “भारत नाट्यम” करने लगे हैं।

सुशासन और सौ दिन का टॉस्क

छत्तीसगढ़ सरकार आज सुशासन दिवस मना रही है। मंत्री और अफसर शपथ ले रहे हैं। मंत्रालय के अफसर भी सुशासन वाली सरकार में लंबी पारी में जमे रहने को तैयार हो रहे हैं। इसकी तैयारी मंत्रालय में दिख रही है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अपनी टीम को बीजेपी सरकार के घोषणा-पत्र को पूरा करने के लिए सौ दिनों का टॉस्क दिया है, जिसमें लंबी पारी में जमे रहने की उम्मीद वाले तमाम बड़े अफसर शामिल हुए।

हालांकि कि अभी प्रशासनिक फेरबदल की छोटी से शुरुआत सीएम सचिवालय से हुई है। मंत्रालय में भी सीएम कांग्रेस सरकार की भरोसे वाली टीम को बदलने वाले हैं। मगर सौ दिन का टॉस्क वाली खबर से अफसर अभी उम्मीद पाले बैठे है ​कि सौ दिन ही सही इतने टाइम में तो वो जुगाडजंतर करके अपनी नंबर बढ़ावा लेंगे।

जो भी अफसरशाही के सामने सबसे बड़ी चुनौती नई सरकार में खुद को एजेस्ट करने की होगी साथ सुशासन का डंडा भी तना रहेगा। ऐसे में मोदी गारंटी को पूरा करने पर ही उनका नंबर बढ़ सकता है। देखना है कि किनका नंबर बढ़ता है और कौन आउट होने वाला है।

 

        ✍️अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा

 

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