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Retired IAS Gyanesh Kumar: ज्ञानेश कुमार होंगे नए मुख्य चुनाव आयुक्त, 18 फरवरी को रिटायर होंगे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

नई दिल्ली। etired IAS Gyanesh Kumar: देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अगले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बन सकते हैं। इसके लिए 17 फरवरी को अहम बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। चयन समिति मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए पांच उम्मीदवारों के नाम भेजेगी। सूत्रों के अनुसार, कमिटी ने 480 से ज्यादा उम्मीदवारों में से पांच नामों का चयन किया है।

etired IAS Gyanesh Kumar: ज्ञानेश कुमार का नाम सबसे आगे

मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम की रेस में ज्ञानेश कुमार सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि सुखबीर सिंह संधू का नाम भी है। ये दोनों फिलहाल चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। दोनों ही 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस हैं। लेकिन, केरल कैडर के ज्ञानेश कुमार सीनियर हैं।

Retired सूत्रों के अनुसार, सीनियरटी के हिसाब से अगले सीईसी ज्ञानेश कुमार होंगे। लेकिन, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति को यह अधिकार भी है कि वह केंद्रीय कानून मंत्री और दो केंद्रीय सचिव वाली समिति द्वारा प्रस्तावित पांच नामों के अलग भी सीईसी के लिए किसी नाम का चयन कर लें। जिस भी नाम पर राष्ट्रपति की मुहर लगती है, वही देश का अगला सीईसी होगा।

etired IAS Gyanesh Kumar: कौन हैं ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। फिलहाल वो चुनाव आयुक्त के पद पर काम कर रहे हैं। पिछले साल 31 जनवरी 2024 को कुमार अमित शाह के अधीन आने वाले सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। वो अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव के रूप में तैनात थे। इस संवेदनशील मुद्दे को हल कराने में ज्ञानेश कुमार की बड़ी भूमिका थी। वो गृहमंत्री अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं। वहीं उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय में भी सचिव के रूप में कार्य किया है।

साल 2020 में ज्ञानेश कुमार को अडिशनल सचिव के रूप में तैनात किया गया था। वो गृह मंत्रालय में एक स्पेशल डेस्क संभालते थे। यह डेस्क अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संबंधित सभी मामलों को देखता था। इसमें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन भी शामिल था।

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