नई दिल्ली। Cashless Treatment Scheme: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार (8 जनवरी) को एक बड़ा ऐलान किया। गडकरी ने कहा कि पूरे देश में सड़क हादसा का शिकार होने वालों के लिए 1.5 लाख रुपए तक कह कैशलेस इलाज की योजना शुरू की जाएगी। यह योजना मार्च 2025 से लागू होगी। यह नई योजना के तहत सड़क हादसे में घायल लोगों की जिंदगी बचाने के लिए उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा देने के मकसद से शुरू की जा रही है।
Cashless Treatment Scheme: कैसे काम करेगी यह योजना
गडकरी ने बताया कि यह योजना सड़क पर होने वाली हर तरह के हादसों को कवर करेगी। दुर्घटना के बाद पीड़ित को सात दिनों तक 1.5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस योजना को चलाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) पर होगी। इसके लिए एक विशेष आईटी प्लेटफॉर्म डेवलप किए जाएंगे। यह प्लेटफॉर्म सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट (eDAR) एप्लिकेशन को NHA के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम से कनेक्ट करेगा।
Cashless Treatment Scheme: कैसे मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन तक करने की जरूरत नहीं होगी। हादसा होने पर, पुलिस और अस्पताल मिलकर eDAR प्लेटफॉर्म पर हादसे में घायलों का विवरण दर्ज करेंगे। इसके बाद, इस योजना के तहत मान्यता प्राप्त अस्पतालों में घायलों का मुफ्त इलाज होगा। इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। हादसे के शिकार लोगों को किसी भी प्रकार का एडवांस पेमेंट या डॉक्यूमेंट जमा करने तक की जरूरत नहीं है। योजना को आसान बनाया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके।
Cashless Treatment Scheme: चंडीगढ़ में सफल रहा पायलट प्रोजेक्ट
गडकरी ने बताया कि यह योजना पहली बार 14 मार्च 2024 को चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी। इसके सफल संचालन के बाद इसे अब तक 6 दूसरे राज्यों में लागू किया गया है। योजना का मकसद सड़क दुर्घटनाओं के बाद गोल्डन ऑवर में जल्द से जल्द और बेहतर इलाज सुनिश्चित करना है। बता दें कि किसी भी हादसे के बाद एक से डेढ़ घंटे का समय गोल्डन ऑवर माना जाता है। यह गोल्डन आवर घायलों की जान बचाने के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है। इस दौरान अगर मरीज को सही इलाज मिले तो उसकी जान बचने की संभावना ज्यादा होती है।
Cashless Treatment Scheme: रोड सेफ्टी के लिए बड़े कदम उठाएगी सरकार
गडकरी ने कहा कि सरकार सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। कमर्शियल ड्राइवरों के काम के घंटे तय करने के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है। इससे थकान के कारण होने वाले हादसों को रोकने में मदद मिलेगी। देश में मौजूदा समय में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। इसे पूरा करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (DTIs) स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए PUCC 2.0 को तेजी से लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
Cashless Treatment Scheme: ई-रिक्शा में भी रखना होगा सेफ्टी का ध्यान
कार्यशाला में गडकरी ने बताया कि ई-रिक्शा की सुरक्षा बढ़ाने और ट्रकों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) लागू करने जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं। गाड़ियों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाने को अनिवार्य किया जाएगा। इससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। मार्च 2025 तक सभी फेसलेस सर्विस को देशभर में लागू करने की भी योजना है। यह कदम सड़क परिवहन को ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक बनाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।