देश

Tension in Bangladesh : ढाका में ‘शूट-एट-साइट’ आदेश…! हसीना पर ‘क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी’ का फैसला आज LIVE…देशभर में हाई अलर्ट

डीसी पुलिस का ‘गोली मारने’ का आदेश

ढाका, 17 नवंबर। Tension in Bangladesh : बांग्लादेश आज अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल और गहरी अशांति के बीच खड़ा है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) आज पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाएगा। राजधानी ढाका में बड़े LED स्क्रीन लगाए गए हैं और फैसले का सीधा प्रसारण सरकारी बीटीवी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी किया जाएगा। फैसले से पहले देशभर में तनाव बेहद बढ़ गया है। अंतरिम सरकार प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने संभावित हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को सख्त आदेश जारी किया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस को बम फेंकने या आगजनी करने वालों को ‘देखते ही गोली मारने’ का निर्देश दिया गया है। पुलिस आयुक्त एसएम सजात अली ने देर रात कहा कि कानून उन्हें इसकी स्पष्ट अनुमति देता है।

ढाका में कर्फ्यू जैसे हालात

देश के कई हिस्सों से हिंसा और बम धमाकों की खबरें आ रही हैं। ढाका में यूनुस के सलाहकार सैयद रिजवाना हसन के घर के बाहर देसी बम फेंके गए और आगजनी की गई। कॉक्सबाजार सहित कई जिलों में अवामी लीग समर्थकों द्वारा प्रदर्शन और झड़पों की घटनाएँ सामने आई हैं। पिछले कुछ दिनों में बसों में आग लगाने, पेट्रोल बम हमलों और गुप्त विस्फोटों की संख्या बढ़ी है, जिससे दहशत का माहौल है।

शेख हसीना का भावुक ऑडियो संदेश

इस बीच बांग्लादेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध जारी है। फैसले से पहले दो दिवसीय बंद की घोषणा भी की गई है। भारत में निर्वासन में रह रहीं शेख हसीना ने एक भावुक ऑडियो संदेश जारी करते हुए समर्थकों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि, अन्याय करने वालों को जनता एक दिन सजा देगी। मैं जिंदा हूं और जनता का साथ देती रहूंगी। उनके बेटे सजीब वाजेद ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी पार्टी पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो अवामी लीग समर्थक फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में बाधा डाल सकते हैं। उनका दावा है कि फैसले का रुख पहले से तय है और उनकी मां को दोषी ठहराया जा सकता है। ICT-BD के इस चर्चित मामले में तीन प्रमुख आरोपी हैं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्लाह अल मामून। इनमें से मामून सरकारी गवाह बन चुके हैं। सरकारी पक्ष ने शेख हसीना के लिए मृत्युदंड और उनकी संपत्ति जब्त करने की मांग की है। शेख हसीना पर 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले जुलाई विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों के दमन से जुड़े पांच गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, यातना, अमानवीय कृत्य और हिंसक दमन की साजिश शामिल है। विद्रोह के दौरान 1,400 से अधिक लोगों की मौत का आरोप भी उन्हीं की सरकार पर है।

सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर

फैसले को लेकर ढाका और अन्य शहरों में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। सैन्य, अर्धसैनिक और विशेष पुलिस बलों की तैनाती जारी है। राजधानी के कई इलाकों में रातभर छापेमार कार्रवाई हुई और संदिग्ध स्थानों पर सुरक्षा घेरा मजबूत किया गया। अब देश की नजरें ICT-BD के उस ऐतिहासिक फैसले पर टिकी हैं, जो बांग्लादेश की राजनीति और भविष्य की दिशा तय कर सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button