
कोरबा। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले जिले के पंचायत सचिवों ने प्रशासन में मचे तबादला विवाद को लेकर मोर्चा खोल दिया है। सचिव संगठन ने जिला पंचायत कार्यालय पहुंचकर आरोप लगाया कि विभाग में तबादले पारदर्शी प्रक्रिया के बजाय “सेटिंग और सौदेबाजी” के आधार पर किए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर सचिवों में भारी नाराजगी है और उन्होंने 13 अक्टूबर से ‘काम बंद–कलम बंद’ हड़ताल की चेतावनी दी है।
सचिवों का आरोप – मनमाने तबादले, जांच के बिना कार्रवाई
ग्राम पंचायत तानाखार के सचिव मोहनचंद्र कौशिक का तबादला ग्राम पंचायत दम्हामुड़ा किया गया है। संगठन का कहना है कि कौशिक पर लगाए गए आरोपों की जांच पहले ही हो चुकी थी और वे निराधार पाए गए थे, फिर भी उनका तबादला कर दिया गया। इसे द्वेषपूर्ण कार्रवाई बताया गया है।
इसी तरह, ग्राम पंचायत दुरेना के सचिव सुकलाल चौहान और खैरभावना के सचिव थान सिंह कंवर के तबादलों को भी संगठन ने मनमाना और अनुचित बताया है।
“तबादले का खिलाड़ी” एपीओ पर सवाल
सूत्रों के मुताबिक, पंचायत विभाग के एपीओ मोहनीश देवांगन, जिनका तबादला सूरजपुर किया गया है, अब भी कोरबा में पदस्थ हैं और सचिवों के तबादलों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। संगठन का आरोप है कि बिना शिकायत और बिना कारण बताओ नोटिस के तबादले किए जा रहे हैं, जिनमें आर्थिक लेनदेन की भी चर्चा है।
13 अक्टूबर से हड़ताल की चेतावनी
सचिव संगठन ने जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि अन्यायपूर्ण तबादलों को रद्द किया जाए और संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत की जांच कराई जाए। संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो 13 अक्टूबर से जिलेभर में ‘काम बंद–कलम बंद’ हड़ताल शुरू होगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।