Ready-To-Eat : रायगढ़ में महिला स्व-सहायता समूहों ने शुरू किया “रेडी-टू-ईट” उत्पादन, मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने दी नई पहल को हरी झंडी
महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम

रायपुर, 17 अगस्त। Ready-To-Eat : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सशक्तिकरण और पोषण सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए “रेडी-टू-ईट” (Ready-To-Eat) पूरक पोषण आहार निर्माण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को पुनः सौंपा है। इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है, जहां 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं।
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया में “रेडी-टू-ईट” निर्माण इकाई का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने स्वयं मशीनें चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन बनाए रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक आहार भी सुनिश्चित करेगी। हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को ज़मीन पर उतार रही है। देशभर में 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य है, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।”
रायगढ़ जिला इस पहल का अग्रणी जिला बनकर उभरा है, जहां कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के तहत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
रायगढ़ जिले की विभिन्न परियोजनाओं—रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू—के अंतर्गत चयनित समूहों द्वारा जल्द ही उत्पादन कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसकी शुरुआत कोतरलिया ग्राम से हो चुकी है।
यह पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश के छह जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर—में पहले चरण में लागू किया जा रहा है। रायगढ़ पहला जिला बन गया है जहां इस योजना ने मूर्त रूप लिया है।
यह पहल राज्य में महिला आर्थिक सशक्तिकरण और कुपोषण से मुक्ति की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभर रही है और उम्मीद की जा रही है कि यह मॉडल शीघ्र ही पूरे प्रदेश में विस्तारित होगा।