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ब्रेकिंग : ED की बड़ी कार्रवाई..इस कोयला माफिया की करोड़ों की संपत्ति किया अटैच…

रांची।  रांची से बड़ी खबर है, मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत मो. इजहार अंसारी और अन्य के मामले में इजहार अंसारी से संबंधित 9.67 करोड़ रुपये मूल्य की 62 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

ईडी ने झारखंड पुलिस द्वारा आईपीसी और कोयला खदान अधिनियम, 2017 की विभिन्न धाराओं के तहत मोहम्मद इजहार अंसारी, उनके ट्रक चालक सैय्यद सलमानी और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है।

झारखंड पुलिस द्वारा मो. इजहार अंसारी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इस मामले में उक्त ट्रक समेत अवैध रूप से परिवहन किये गये 19.56 मीट्रिक टन कोयला को झारखंड पुलिस ने जब्त कर लिया था।

ईडी की जांच से पता चला कि मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया है, जिसके तहत कैप्टिव खपत के लिए इजहार अंसारी के लघु और मध्यम उद्यम को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया गया था।

मोहम्मद इजहार अंसारी की 13 ऐसी एसएमई फर्मों को लगभग 86568 मीट्रिक टन कोयला आवंटित किया गया था, लेकिन इसे अपने स्वयं के उपभोग के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग करने के बजाय, मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया।

इससे 71.32 करोड़ रुपये की उगाही की। आगे की जांच से पता चला कि ये 13 फर्म/इकाइयां अपने दिए गए पते पर काम नहीं कर रही थीं या अस्तित्व में ही नहीं थीं।

जांच से यह भी पता चला है कि उन्होंने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर ऐसे कोयले (सब्सिडी दर का) बेचकर बड़ी पीओसी हासिल की है और उसी पीओसी को कई अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है। ईडी की जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी कुछ लोक सेवकों को कमीशन देता था।

ईडी ने मोहम्मद इजहार अंसारी के परिसरों पर तलाशी ली थी और 3।68 करोड़ रुपये की भारी नकदी जब्त की गई। इसके बाद, मोहम्मद इजहार अंसारी को 16.01.2024 को गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।

इसके अलावा, मोहम्मद इजहार अंसारी, इस्तियाक अहमद और मेसर्स राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अभियोजन शिकायत (प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट) 15.03.2024 को विशेष (पीएमएलए) न्यायालय, रांची के समक्ष दायर किया गया था। न्यायालय ने 18.03.2024 को पीसी का संज्ञान लिया था। फिलहाल पड़ताल जारी है।

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