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इन कोल डिपो का लाइसेंस होगा निरस्त..पूर्व माइनिंग अफसर ने फायदे के लिए बदला था कायदा…

प्रतीकात्मक तस्वीर

रायगढ़ । कोयला खदान से 25 किमी के दायरे में किसी भी कोल डिपो को अनुमति नहीं दी जा सकती। पूर्व में ऐसे तीन कोल डिपो को अनुमति दी गई थी जिनकी अवधि समाप्त हो चुकी है। कलेक्टर ने इनके लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए हैं।

 

 

खनिज विभाग ने कोल डिपो स्थापना के नियमों में अहम बदलाव किए थे। इसके तहत कोयला खदानों के 25 किमी के दायरे में कोल डिपो संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती। रायगढ़ जिले में तमनार की कोयला खदानों से 25 किमी के रेडियस में कुछ कोल डिपो संचालित थे। इनमें इनकी अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा नवीनीकरण की कोशिश की जा रही थी।

जब समीक्षा की गई तो ये 25 किमी के अंदर पाए गए। इसके बाद इनकी फाइल रोक दी गई। कलेक्टर ने तीनों कोल डिपो की अनुज्ञप्ति को निरस्त करने का आदेश दिया है। इनमें से एक को 16 जुलाई 2017 से 15 जुलाई 2022 तक अनुमति मिली थी। वहीं बालाजी अर्थमूवर्स कुशवाबाहरी अभिषेक अग्रवाल को 8 सितंबर 2018 से 7 सितंबर 2023 तक और एपीएस ट्रांसपोर्ट कंपनी पाली अजय अग्रवाल, प्रभात लाट, शिव अग्रवाल 8 फरवरी 2018 से 7 फरवरी 2023 तक भंडारण अनुज्ञप्ति जारी की गई थी। अवधि समाप्त होने के बाद कलेक्टर ने खनिज विभाग को इनके लाइसेंस निरस्त करने को कहा है।

 

25 किमी वाला नियम 2010 से लागू है। लेकिन खनिज विभाग रायगढ़ के पूर्व अधिकारियों ने इनको संचालन की अनुमति जारी की। 2017-18 में तत्कालीन खनिज अधिकारी ने भी कोल डिपो को भंडारण लाइसेंस जारी किया। लेकिन अब नियमत: कार्रवाई की जा रही है। कोयले की हेराफेरी रोकने के लिए यह नियम लागू किया गया है।

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