छत्तीसगढ़

Mahasamund News : महासमुंद में पुलिसकर्मियों की दबंगई पर एसपी की बड़ी कार्रवाई…! रिश्वत वसूली और गांजा तस्करी के दो मामलों में पूरे बलौदा थाने का स्टाफ बदला…4 आरक्षक निलंबित

गांजा तस्कर से रिश्वत लेकर छोड़ा गया

महासमुंद, 08 सितंबर। Mahasamund News : महासमुंद जिले में पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी और गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता की गंभीर शिकायतों पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) आशुतोष सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए दो बड़ी कार्रवाई की है। एक ओर जहां गांजा तस्कर को रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में चार आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं गौ तस्करी का झूठा आरोप लगाकर किसानों से पैसे वसूली के आरोप में बलौदा थाने के थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को हटा दिया गया है।

पहला मामला : गांजा तस्कर से रिश्वत लेकर छोड़ा गया

पुलिस ने भीखम चंद्रवंशी नामक आरोपी को 20 किलो गांजा के साथ पकड़ा था। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने एक ढाबा संचालक के खाते में ₹60,000 की रिश्वत जमा करवा कर आरोपी को छोड़ दिया। बाद में आरोपी को कवर्धा पुलिस ने नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया, जहां उसने पूरी घटना उजागर कर दी।

एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए, आरक्षक देव कोसरिया, अनिल गिलहरे, शुभम पांडे और नरेश वर्मा को निलंबित कर दिया। प्रारंभिक जांच (Preliminary Inquiry) के आदेश जारी किए गए हैं।

दूसरा मामला : गौ तस्करी के नाम पर किसानों से जबरन वसूली

किसान मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत गाय खरीदने छत्तीसगढ़ आए थे। वापसी में बलौदा थाना क्षेत्र में जांच चौकी पर रोका गया।गौ तस्करी का झूठा आरोप लगाकर थाना लाया गया। सभी वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद, पुलिस ने उन्हें फर्जी बताते हुए ₹4 लाख की मांग की। विरोध पर लॉकअप में कपड़े उतरवाकर बैठाया गया और ₹60,000 नकद छीन लिए गए। वाहन चालक से भी ₹20,000 लेकर सिर्फ ₹3,500 की रसीद दी गई।

पीड़ितों ने ओडिशा पुलिस से शिकायत की, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। जैसे ही यह मामला एसपी आशुतोष सिंह के संज्ञान में आया, उन्होंने सख्त कार्रवाई करते हुए बलौदा थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को तत्काल हटा दिया। नई पुलिस टीम तैनात की गई।

एसपी की कार्रवाई बनी चर्चा का विषय

एसपी आशुतोष सिंह द्वारा की गई दोनों कार्रवाइयां जिले भर में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार, वसूली और आम लोगों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आगे की कार्रवाई

निलंबित आरक्षकों पर विभागीय जांच के बाद कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बलौदा थाने की पूरी कार्यप्रणाली की जांच कराई जाएगी। पीड़ित किसानों से भी संपर्क कर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया गया है।

 

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