
कोरबा। एक दिन पहले ही रिश्वतखोरी के आरोप में रंगे हाथ पकड़े गए नगर निगम के इंजीनियरों का बैग्राउंड भी खंगालना शुरु कर दिया गया है। बुधवार को एसीबी की टीम दोनों आरोपियों के घर पहुंची और रिश्वतखोरी की आड़ में उन्होंने खड़ी की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है। जांच कार्यवाही में नगर निगम के एई और एसई के घर की तलाशी के साथ बरादम किए गए दस्तावेजों के जब्त किया गया है।
मंगलवार को मंगल घड़ी में शहर के लिए अमंगल निर्मित करने वाले नगर पालिक निगम के दर्री जोन के दोनों अफसरों एई डीसी सोनकर और एसई देवेंद्र कुमार स्वर्णकार को कल 35000 रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पकड़ा था। अब इसमें एसीबी की टीम द्वारा एक और बड़ी कार्यवाही की जा रही है। दोनों ही घूसखोर निगम अधिकारियों के घर में अब एसीबी की टीम द्वारा छापा मार कार्यवाही करते हुए इन अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा लिया जा रहा है । यह पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने रिश्वत के पैसों से कितनी संपत्ति बनाई है या क्या-क्या सामान लिए हैं। आय से अधिक संपत्ति की पड़ताल हो रही है। यह पड़ताल किया जा रहा है कि उनकी जितनी सरकारी तनख्वाह है उसके मुताबिक इन्होंने किस पैमाने पर संपत्ति और सुख-सुविधाओं का अर्जन किया है।
जांच की हर करवट पर आईजी अमरेश मिश्रा की नजर
ईओडब्ल्यू और एसीबी के आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर यहां कोरबा में हो रही जांच की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। यह श्री मिश्रा का ही स्टाइल है, जो यहां एक अलग तरह की बड़ी कार्यवाही की जा रही है। अमूमन पहले देखा जाता था कि रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय में पेश करके जेल भेज दिया जाता था लेकिन इस बार न्यायालय से सर्च वारंट की अनुमति लेकर संपत्ति की भी जांच की जा रही है। दोनों घूसखोर अधिकारियों के संपत्ति जांच उपरांत आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हो सकता है। ईओडब्ल्यू,एसीबी के आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर किए जा रहे इस बड़े एक्शन के बाद अन्य घूसखोरी अधिकारियों मे हड़कंप मचा हुआ है, जिन्होंने रिश्वत के पैसों से अकूत बेमामी संपत्ति बनाई है।