कटाक्ष

Multiplication of cow dung : थानेदारों पर लगी “नजर”,नेता जी भक्ति और राजयोग..चौहद्दी का खेला और,अधिकारियों का,गारंटी वाली सरकार और भरोसे…

थानेदारों पर लगी “नजर”

ऊर्जाधानी के ऊर्जावान थानेदारों को किसी और की नहीं बल्कि खुद के डिपार्टमेंट की नजर लगी है। कहते है सुविधा जब दुविधा बन जाए तो लोगों की डगर आसान होने के बजाय और कठिन हो जाती है। ठीक इसी प्रकार थानेदारों के गोपनीय कामों पर भी अब नजर लग गई है।

दर असल जिस तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों पर नजर रखते थे और बड़े बड़े वारदात का खुलासा करते थे। अब यही कैमरा उनके लिए ही मुसीबत का सबब बन गई है। सरकार की थानों को हाईटेक करने की मुहिम थानेदारों की निजता के लिए खतरा बन रहा है।

खबरीलाल की माने तो जिले के सभी थाना प्रभारियों के चैम्बर में हाईटेक कैमरा लगाया गया है। इससे थानेदारों की गतिविधियों की नजर रखी जा रही है। मतलब अब चैम्बर में नजराना और जबराना की तो छोड़िए साहब ठीक से हंस भी नहीं सकते।

हालांकि थानेदारों के चैम्बर में सीसीटीवी कैमरा लगने से थाने ने घुसकर विवाद करने वालों से थोड़ी राहत भी मिलेगी। फिलहाल सुविधा पुलिस के लिए अब दुविधा बन गई है। सूत्र बताते हैं कि अब केस डील करने के लिए थानेदारों को चैम्बर से बाहर निकाला पड़ रहा है और नजराना के लिए नजरे घूमना पड़ रहा है। थानेदारों की स्थिति पर जनमानस चुटकी लेते हुए कह रही है …ईमानदारी से कमा सकते है,अभी आप जवानी में है,
भाई साहब थोड़ा ध्यान रखिएगा,आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं।

नेता जी भक्ति और राजयोग

जेठ की तपती गर्मी और शहर की राजनीति से सियासी पारा सातवें आसमान पर है। कहते हैं कि सत्ता सुख उन्हें ही नसीब होता है जिनके हाथ में राजयोग होता है। यानि राजयोग का भक्ति योग से सीधे कनेक्शन होता है। राजयोग तभी फलित होता है जब उसमें भक्तियोग का तड़का लगा हो। कोरबा कुछ ऐसा ही दिख रहा है।

राजयोग वाले नेता की भक्ति इन दिनों खासी चर्चा में हैं। चुनाव को करीब देखकर वो हिन्दू वोटरों को साधने साधु संतों की शरण मे पहुंच गए हैं। चुनाव के ठीक पहले नेता जी का लंबा तिलक मधुर वाणी..शहर में आए कथा वाचक की कथा से ज्यादा चर्चा में है। राजयोग बना रहे इसके लिए नेता जी अपने भक्तों की पूरी फौज को मैदान में उतार दिया है जो रातदिन उनकी भक्ति का गुणगान पब्लिक के बीच कर रहे हैं।

चर्चा है कि इस बार भूपेश फार्मूले में फिट न बैठने वालों की टिकट भी कटने वाली है सो टिकट के लिए विकट टेंशन अलग है! वैसे शहर में चारो ओर लगे होर्डिंग और पोस्टर की चर्चा बड़ी जोर शोर से हो रही है और चुनाव के ठीक पहले हो रहे कथावाचक के दरबार पर लोग भक्ति कम चुनावी कथा ज्यादा सुना रहे हैं।

चुनावी कथा कुछ इस प्रकार से है…

..”नये वायदों का नया बहाव आया है,वही जनता है, वही नेता है
पर लुभाने खातिर कुछ नया उपाय आया है,लगता है फिर से चुनाव आया है।”

चौहद्दी का खेला और अधिकारियों का..

पट गए तो पटवारी नहीं तो अधिकारी की कहावत को राजस्व अमला बखूबी अंजाम दे रहा है। बात फर्जी चौहद्दी की है जो समय के साथ नोट की गड्डी में तब्दील हो गई..! कोरबा हल्का की जमीन बिक्री के लिए बनी चौहद्दी को पहले पटवारी मुकर गए और हो हल्ला होने पर बात असरदार यानी मलाईदार तक पहुंची तो साहब ने जांच बैठा कर एफआईआर दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया। फर्जी चौहद्दी के मामले को अब लगभग एक माह पूरा होने वाला है। लेकिन, कार्रवाई फाइल में दबी है या कहे फर्जी चौहद्दी के खेला में अधिकारी मेला सजा रहे हैं।

वैसे भी देखा जाए तो घोटाले और जांच में अटूट रिश्ता है। घोटाले की कोख से जांच का जन्म होता है। जांच की आंच से बचाव के लिए पुनश्च जांच के नाम पर घोटाले का जीवन चलता है।

दीवानी प्रकरणों में तहसील से लेकर कलेक्ट्रेट तक दीवानगी का वातावरण व्याप्त है। भीड़ भी ऐसी होती है जैसे एक समय bsnl के सिम वितरण की थी। न्यायालयों में 1 बरस से लेकर 10 बरसों तक के पुराने जमीनी विवादों का हल अधर में है।

अब ऐसी व्यस्तता में जांच के तीन-पांच में क्या होना है..और जब कुछ होना ही नहीं है तो क्यों सर खपाया जाए…ये तो असरदार साहब ही बता पाएंगे लेकिन पब्लिक ये अवश्य कह रही है ” राजस्व के अधिकारी जितना पैसा उतना काम रघुपति राघव राजा राम वाले फार्मेूले पर ही काम करते हैं !

गारंटी वाली सरकार और भरोसे का सम्मेलन

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के साथ सिद्दारमैया सीएम पद आसीन हो गए हैं। इसकी के साथ प्रदेश में गारंटी वाली सरकार का गठन हो गया है। कैबिनेट की पहली बैठक में ही पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में वादा की गई पांच गारंटी योजनाओं को लागू करने मंजूरी दे दी गई।

कर्नाटक की जीत को कांग्रेस इसी साल अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत की गारंटी के रूप में प्रचारित कर रही है। इसी साल छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। सीएम भूपेश बघेल सभी विधानसभा क्षेत्रों में भरोसे का सम्मेलन कर रहे हैं, ताकि आने वाले चुनाव में सूबे में जीत की गारंटी को तलाशा जा सके।

सीएम आज कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिर्रा ग्रामीणों में भेंट-मुलाकात करेंगे। लेकिन, चुनाव से पहले ये भी जरूरी है कि वो कार्यकर्ताओं को भी भरोसे में लें….तभी भरोसे का सम्मेलन जीत की गारंटी बन पाएगा। नहीं तो कोरबा में कांग्रेस की गुटबाजी पार्टी के भरोसे पर भारी पड़ सकती है।

गोबर का गुणा भाग

सूबे में चल रहे भारतीय जनता पार्टी के चलबो गोठान, खोलबो पोल अभियान अब math का क्विज बनता जा रहा है। सरकार की योजनाओं की पोल खोलने निकले बीजेपी के नेता अब गौठानों में गौ माता की हालत जानने की बजाए गोबर पर गुणा भाग लगा रहे हैं।

राजधानी रायपुर में गौठानों की हालत जानने के लिए निकले पूर्व कृषि मंत्री गौठान के निरीक्षण के दौरान गौशाला संचालक से ऐसा की सवाल पूछ बैठे। गोबर की खरीदी हो रही है ? कितने जानवर हैं यहां ? गाय एक दिन में कितना गोबर देती है ? अब भला गौशाला संचालक इसका क्या जवाब देता।वो उसने इसका जबाब मंत्रीजी से ही मांग लिया….आप तो कृषि मंत्री रहे हैं आप ही हिसाब किताब लगा लें….जिसके बाद मंत्री जी ने हिसाब किताब लगाकर बता दिया.कि​तनी गाय एक दिन में ​कितना गोबर देती है।

बताया जा रहा है कि गौशाला में गोबर के हिसाब किताब लगाने के लिए केंद्र की एक एजेंसी को जिम्मेदारी देने की तैयारी बीजेपी की ओर से की जा रही है। ये एजेंसी हिसाब किताब लगाने में माहिर है। बड़े बड़ों का हिसाब कर चुकी है। फिलहाल आने वाले दिनों में ये एजेंसी नया अभियान शुरु कर सकती है।

     ✍️अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा

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