
Drone-rifle: नई दिल्ली। अब भारत की सीमा की चौकसी आसमान पर उड़ती AK-203 असॉल्ट राइफल करेगी। दरअसल भारत ने रक्षा तकनीक में एक शानदार कामयाबी हासिल की है. भारत सप्लाई एंड सपोर्ट (BSS) एलायंस ने एक बड़ा कमाल करते हुए, अपनी AK-203 असॉल्ट राइफल को एक छोटे और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन में फिट कर दिया है। इसे सशस्त्र बलों के लिए युद्ध के मैदान में ‘गेम-चेंजर’ माना जा रहा है।
Drone-rifle: ड्रोन की शक्ल में असॉल्ट राइफल AK-203
रिपोर्ट के मुताबिक, BSS एलायंस ने AK-203 असॉल्ट राइफल को कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन में सफलतापूर्वक जोड़ दिया है. यह BSS मटेरियल लिमिटेड के TRIYAM-3D प्रोजेक्ट की सफलता के बाद का उनका नया डेवलपमेंट है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों और इंडियन एयरफोर्स के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ बताया जा रहा है।
Drone-rifle: कैसे काम करेगा ये ‘ड्रोन-राइफल’
जिस ड्रोन में असॉल्ट राइफल को फिट किया गया है, वह ड्रोन स्पीड, सटीकता और ताकत के लिए डिजाइन किया गया है। यह आतंकवाद विरोधी अभियानों और शहरी युद्ध की स्थितियों में सेना को बड़ी बढ़त दिलाएगा। साथ ही, यह ड्रोन उन जगहों पर दुश्मन को निशाना बना सकता है जहां इंसानी सैनिक के लिए पहुंचना मुश्किल या खतरनाक होता है। यह दूर से ही सटीक निशाना लगाकर दुश्मन को खत्म कर देगा।
Drone-rifle: ड्रोन माउंटेड AK-203 राइफल की रेंज
इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी रेंज है। रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रोन माउंटेड AK-203 राइफल की रेंज 15-25 किमी है, जो हवा में करीब 45-60 मिनट तक उड़ान भर सकता है। इतना समय किसी भी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए काफी होता है। वहीं, AK-203 राइफल की रेंज 300 से 600 मीटर है, यानी यह दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक घुसकर सटीक गोलीबारी करने में सक्षम होगा।
Drone-rifle: AI-पावर्ड मशीन गन भी तैयार
इससे पहले भी, BSS मटेरियल लिमिटेड ने भारतीय सेना के सहयोग से एक नए AI-पावर्ड ऑटोनॉमस यानी खुद से चलने वाले घातक हथियार सिस्टम, नेगेव एलएमजी का 14,000 फीट की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इस नेगेव एनजी एलएमजी का वजन करीब 8 किलोग्राम है और इसमें नाटो-मानक मैगजीन लगती है। इसकी फायरिंग रेट 850 से 1,050 राउंड प्रति मिनट है और इसकी प्रभावी रेंज 300 से 1,000 मीटर तक है।