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CG NEWS: भांग की खेती पर कोर्ट की सख्ती…नीतियों में हस्तक्षेप नहीं…समाज के लिए खतरा बताया…

बिलासपुर, 9 जुलाई| High Court Cannabis Petition Dismissed : छत्तीसगढ़ में औद्योगिक भांग की खेती को वैध घोषित कराने की एक जनहित याचिका को राज्य के हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। अदालत ने साफ शब्दों में कहा है कि भांग की खेती की अनुमति देना न केवल समाज के लिए जोखिमभरा है, बल्कि यह नीतिगत मामला है जिसमें न्यायालय का हस्तक्षेप वांछनीय नहीं है।

याचिका बिलासपुर के एक निवासी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें भांग को ‘गोल्डन प्लांट’ बताते हुए इसके औद्योगिक, आर्थिक और आयुर्वेदिक उपयोग को आधार बनाकर वैधानिक मंजूरी की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि 0.3% से कम THC (Tetrahydrocannabinol) होने पर यह पौधा नशे के लिए अनुपयुक्त होता है और इससे किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ मिल सकता है।

कोर्ट ने क्या कहा?

मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका “मूल्यहीन और उद्देश्यहीन” है, क्योंकि नीति निर्माण कार्यपालिका और सरकार का विशेषाधिकार (High Court Cannabis Petition Dismissed)है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि किसी पौधे का उपयोग चिकित्सा, वैज्ञानिक या बागवानी उद्देश्यों से होना है, तो इसके लिए कानूनी मंजूरी और लाइसेंसिंग जरूरी है।

“नीतियों में कोर्ट नहीं करेगा हस्तक्षेप”

अदालत ने यह भी कहा कि राज्य में पहले से ही नशीले पदार्थों की समस्या बढ़ रही है, ऐसे में भांग जैसी विवादास्पद फसल की खेती को बढ़ावा देना समाज के लिए खतरा बन सकता है।

क्यों पड़ी थी याचिका?

याचिकाकर्ता ने सरकार को पत्र लिखकर फरवरी 2024 में अनुमति मांगी थी, पर जब कोई प्रतिक्रिया नहीं (High Court Cannabis Petition Dismissed)मिली, तब यह जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में NDPS Act की धारा 10 और 14 का हवाला देते हुए राज्य सरकार के पास लाइसेंस जारी करने का अधिकार बताया गया था।

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