CG High Court ने BEO को दी राहत…कहा– कलेक्टर को नहीं है निलंबन का अधिकार
शिक्षकों के समायोजन में गड़बड़ी और गलत जानकारी देने का आरोप

बिलासपुर। CG High Court ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार सिर्फ उसी अधिकारी को होता है जिसे नियमों के तहत इसकी वैधानिक अनुमति हो। कोर्ट ने इस आधार पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) मानसिंह भारद्वाज के निलंबन को अवैध ठहराते हुए कलेक्टर बस्तर द्वारा जारी आदेश रद्द कर दिया है।
मानसिंह भारद्वाज जगदलपुर में बतौर बीईओ पदस्थ रहे। 6 जून 2025 को कलेक्टर एवं युक्तियुक्तकरण समिति के अध्यक्ष ने उन पर शिक्षकों के समायोजन में गड़बड़ी और गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए निलंबन आदेश जारी किया था। भारद्वाज ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट की खंडपीठ, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु ने साफ कहा कि नियुक्तिकर्ता या राज्यपाल द्वारा अधिकृत अधिकारी ही निलंबन कर सकता है, और कलेक्टर के पास यह अधिकार नहीं था। इसलिए यह आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर और गैरकानूनी है।
बीईओ की ओर से यह भी बताया गया कि उनका नियुक्तिकर्ता स्कूल शिक्षा विभाग का सचिव है, और केवल संभागायुक्त को ही उनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है, जैसा कि 4 अगस्त 2008 की अधिसूचना में स्पष्ट है। उन्होंने यह भी कहा कि ना उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिला, ना ही निलंबन आदेश में कोई विभागीय कार्यवाही का जिक्र था, और यह आदेश कलेक्टर के हस्ताक्षर से भी जारी नहीं हुआ।
कोर्ट ने एकल पीठ द्वारा अपील खारिज किए जाने के फैसले को पलटते हुए, बीईओ की अपील मंजूर की और संभागायुक्त को नियमों के तहत दो हफ्ते में नया आदेश पारित करने की छूट दी।