मध्यप्रदेश

Major ED Action : ‘जानलेवा’ कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा के 7 ठिकानों पर छापेमारी…! मालिक गिरफ्तार

ड्रग कंट्रोल अफसर भी घेरे में, 20 से ज्यादा मासूमों की गई जान

भोपाल, 13 अक्टूबर।Major ED Action : देश को झकझोर देने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को ED ने चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मा से जुड़े 7 अलग-अलग ठिकानों पर PMLA (धनशोधन निवारण अधिनियम) के तहत छापेमारी की। यह वही फार्मा कंपनी है, जिसके बनाए जहरीले कफ सिरप के कारण मध्य प्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।

कंपनी मालिक गिरफ्तार, ड्रग कंट्रोल अफसर भी घेरे में

ED ने श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान कई आर्थिक अनियमितताओं, फर्जी दस्तावेजों और संदिग्ध लेन-देन के सबूत मिले हैं। खास बात यह है कि जिन ठिकानों पर छापे मारे गए हैं, उनमें तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के आवास और दफ्तर भी शामिल हैं, जिससे मामले में सरकारी मिलीभगत की आशंका और गहराती जा रही है।

20 से ज्यादा मासूमों की गई जान

कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर सबसे पहले मध्य प्रदेश में मामला सामने आया, जहां बच्चों को यह दवा देने के बाद तेज रिएक्शन और फेफड़ों की विफलता की शिकायतें आई थीं। जांच में पता चला कि सिरप में इस्तेमाल की गई कुछ केमिकल सामग्री अत्यधिक जहरीली थी, जो कि मानव उपयोग के लिए प्रतिबंधित है।

श्रीसन फार्मा की जिम्मेदारी तय, जांच में गंभीर लापरवाही के संकेत

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में श्रीसन फार्मा पर गंभीर निर्माण खामियों, गुणवत्ता नियंत्रण की लापरवाही और मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगे हैं। अब ईडी द्वारा शुरू की गई जांच का फोकस है, दवा निर्माण में इस्तेमाल हुए स्रोत रसायन कहां से आए। किसे बेचे गए। फर्जी दस्तावेजों और लेन-देन के माध्यम से मुनाफा कैसे छिपाया गया और क्या इस पूरे मामले में सरकारी अफसरों की भूमिका रही?

क्या हो सकता है आगे?

श्रीसन फार्मा के लाइसेंस रद्द होने की पूरी संभावना। अन्य राज्यों में बेचे गए कोल्ड्रिफ सिरप की जांच। ड्रग कंट्रोल विभाग में अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई। कंपनी के बैंक खातों और संपत्तियों की जब्ती।

देश में फार्मा कंपनियों की लापरवाही के चलते मासूम जिंदगियों का यूं जाना बेहद दुखद और चिंताजनक है। ED की यह कार्रवाई संकेत है कि अब ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई होगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

 

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