छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में 4.3 करोड़ का फर्जी भुगतान घोटाला: 15 साल बाद EOW की बड़ी कार्रवाई, 2000 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश

रायपुर 31 जुलाई 2025 । छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम (CG Text Book Corporation) में वर्ष 2009-10 के दौरान हुए बहुचर्चित ₹4.3 करोड़ के फर्जी भुगतान घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने 15 साल बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा सहित चार अफसरों के खिलाफ 2000 पन्नों की चार्जशीट रायपुर की विशेष अदालत में दाखिल कर दी है।
चार्जशीट में क्या कहा गया है?
EOW की चार्जशीट के मुताबिक, कक्षा 3 और 4 के एमजीएमएल कार्ड्स (हिंदी, गणित और पर्यावरण विषय) के मुद्रण कार्य के लिए वर्ष 2009-10 में निविदा नियमों की अनदेखी करते हुए ठेकेदारों को मनमाने ढंग से भुगतान किया गया।
फर्जी भुगतान का ब्योरा –
प्रबोध एंड कम्पनी (रायपुर) को हिंदी और गणित कार्ड्स के लिए ₹3.82 करोड़ का भुगतान।
छत्तीसगढ़ पैकेजर्स (भिलाई) को पर्यावरण कार्ड्स के लिए ₹2.04 करोड़ की राशि दी गई।
कुल भुगतान: ₹5.87 करोड़, जबकि वास्तविक भुगतान होना था केवल ₹1.83 करोड़।
TDS और सेवा कर कटौती के बाद भी कंपनियों को ₹3.62 करोड़ अतिरिक्त भुगतान किया गया।
नामजद आरोपी –
चार्जशीट में जिनके नाम शामिल हैं:
- 1. सुभाष मिश्रा – तत्कालीन महाप्रबंधक, छग पाठ्य पुस्तक निगम
- 2. संजय पिल्ले – उप प्रबंधक (मुद्रण तकनीशियन), छग पाठ्य पुस्तक निगम
- 3. नंद गुप्ता – मुद्रक, छत्तीसगढ़ पैकेजर्स प्रा. लि., भिलाई
- 4. युगबोध अग्रवाल – मुद्रक, प्रबोध एंड कम्पनी प्रा. लि., रायपुर
इन सभी पर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (साजिश) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(D) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक आरोपी पर अलग से होगी कार्यवाही
प्रकरण के एक अन्य आरोपी जोसफ मिंज (तत्कालीन प्रबंध संचालक, सेवानिवृत्त) के विरुद्ध साक्ष्य संकलन पूर्ण हो चुका है। अभियोजन स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी होते ही उनके विरुद्ध भी अलग से चार्जशीट पेश की जाएगी।
15 साल बाद न्याय की उम्मीद!
इस मामले ने छत्तीसगढ़ में सरकारी प्रकाशन और शैक्षणिक सामग्री की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए थे। अब, EOW की यह कार्रवाई वर्षों से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे जनमानस के लिए एक बड़ी पहल मानी जा रही है।