कोरबा। पुलिस का कर्तव्य ही कुछ ऐसा होता है, जिसमें एक पल की देरी बड़े परिणाम का कारण बन सकता है। ऐसे में उनकी तत्परता और सजगता के अमून्य जिंदगी बच सकती है और कानून व्यवस्था कायम रखने में मदद मिलती है। निर्णय लेने की अपनी क्षमता और सूझ-बूझ का परिचय देते हुए ड्यूटी पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले ऐसे ही पुलिस कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
जिले के पुलिस कप्तान ने अपने टीम के इन सजग अफसर-कर्मियों को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। इनमें बीते दिनों आत्मघाती कदम उठाने जा रही नाबालिग की जान बचाने और सुनालिया पुल में टेंट गिरने पर यातायात व्यवस्था सुचारू करने वाले सजग-सतर्क पुलिसकर्मी शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा समय-समय पर थाना प्रभारियों समेत महकमें के तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने और आम जनता से सद्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अपनी ड्यूटी निभाने वाले कर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है। इसी कड़ी में 7 अप्रैल को अचानक खराब हुए मौसम की वजह से हिंदू नववर्ष की शोभायात्रा के लिए सुनालिया पुल पर लगाया गया टेंट अचानक गिर गया। इस घटना के चलते आवागमन पूर्णतः प्रभावित हो गया। तभी वहाँ ड्यूटी में तैनात आरक्षक 723 राजा साहब कंवर और सैनिक 223 संजय कुमार लहरे ने तत्काल बैरिकेडिंग कर यातायात को राताखार और डीडीएम रोड की ओर डायवर्ट किया। जिससे आम जनता को आने जाने में काफी सुविधा हुई। इसी तरह 11 अप्रैल को दर्री पुलिस को सूचना मिली कि एक नाबालिग लड़की हसदेव दर्री बैराज पुल के पास संदिग्ध रूप से घूम रही है। तब तत्काल दर्री पुलिस टीम पुल के पास पहुँची तो लड़की आत्महत्या करने की नियत से पुल से छलांग लगा रही थी। मौके की गंभीरता को समझते हुए बिना देर दर्री पुलिस के सहायक उप निरीक्षक भेवनदास चेलसे, प्रधान आरक्षक 132 मनोज तिवारी, आरक्षक 376 विजेश कंवर और महिला आरक्षक 904 कविता पैकरा ने तत्परता दिखाई। उन्होंने लड़की का हाथ पकड़ा और उसको ऊपर खींचकर उसकी जान बचाई। दोनों मामलों में पुलिस कर्मचारियों द्वारा तत्परता के साथ काम करने के लिए पुलिस अधीक्षक ने सराहना की और उन्हें नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।