कोरबा। पावरसिटी में कदम रखते ही कलेक्टर अजीत वसंत ने सबसे शहर की आंखों की किरकिरी और सांसों का जहर बन चुके राखड़ के ठेकेदारों पर अंकुश लगाने की पहल की। पहले आम लोगों की सुध लेते हुए उन्होंने राख परिवहन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। सड़क पर उतरे मैदानी अमले ने दूसरे ही दिन ताबड़ तोड़ कार्यवाही भी की, पर चौथे दिन के गुजरते ही शायद अफसरों का सारा जोश काफूर हो गया। यही वजह है जो एक बार फिर राखड़ परिवहन करने वाले ठेकेदारों की मनमानी सड़क पर सिर चढ़कर दौड़ती देखी जा सकती है।
शहर के मुख्य मार्गों पर भारी वाहन अपने पीछे राखड़ की आंधी बरपाते ऐसे दौड़ रहे हैं, जैसे उन्हें किसी का डर ही न हो। इधर आम राहगीर और सड़क के करीब बसने वाले शहरवासी वही पुराना आलाप रागने विवश हैं कि आगे पाठ पीछे सपाट। शुक्रवार की दोपहर कोरबा-दर्री मुख्य मार्ग पर ऐसे कई हाइवा फर्राटे भरते दिखे। अपने पीछे आधी-अधूरी तिरपाल से ढके डाले पर से राखड़ के साथ नियम-कायदों की धज्जियां यूं उड़ाते दिखे, जैसे वे प्रशासन की गाइडलाइन का मुंह चिढ़ाकर खुश हो रहे हैं। इस तरह राख परिवहन की अव्यवस्था से सड़क पर बिखरती राख प्रशासन की साख धूमिल हो रही है, जिस पर लगाम कसने की जरुरत महसूस की जा सकती है।