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Korba : न पुलिस का डर न माइनिंग के अधिकारियों का.. जो जमीन सरकारी है वो जमीन हमारी है…

कोरबा। रिटेल में गिट्टी बेचने वाले अवैध कारोबारियों को न तो पुलिस का डर है और न ही माइनिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों का..! जो जमीन सरकारी है वो जमीन हमारी है कि ध्येय वाक्य को आत्मसात करते हुए शासकीय स्थलों पर स्टॉक कर गिट्टी बेच रहे है। जी हां गिट्टी और मिट्टी ब्रोकरों का लिए इंदिरा स्टेडियम नया ठिकाना बना है। जहां सरकारी जमीन पर गिट्टी स्टॉक कर ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है।

 

बता दें कि नगर निगम के सुस्त आयुक्त और अधिकारियों के कारण सड़क किनारे की पार्किंग अवैध कारोबार का अड्डा बन गया है। शहर के रिहायसी एरिया के मैदान में या गिट्टी ब्रोकरों का कब्जा है या फिर ट्रांसपोर्टरों का।

 

निगम द्वारा कड़ी कार्रवाई के अभाव में अब इंदिरा स्टेडियम पर गिट्टी कारोबारियों का कब्जा हो गया है।

सूत्र बताते है कि शहर के दो “सुड्डो नी साई ” मोतीसागर मुक्तिधाम के समीप सड़क पर गिट्टी डंप करते है और दिन को बिना रॉयल्टी पर्ची के परिवहन करते है। उनके इस अवैध काम पर कार्रवाई न होने से उनका हौसला इस कदर बढ़ गया है कि अब वे इंदिरा स्टेडियम में गिट्टी डंप कर बेच रहे है। सार्वजनिक स्थलों पर चल रहे अवैध कारोबार को अब जानकर नया नाम पुलिस और निगम और खनिज के पार्टनर का धन्धा कहने लगे है।

 

नो एंट्री में बेधड़क घुसती है जानलेवा वाहनों की कतार

 

शहर के नो एंट्री जोन में भी गिट्टी हो या आलू की गाड़ियां बेधड़क घुसती है। सड़क पर कब्जा कर गाड़िया खाली भी करते है और आम पब्लिक जब सड़क से गाड़ी हटाने को कहती है तो उल्टा पुलिस से सेटिंग का धौंस दिखाकर गुंडागर्दी की जाती है। इसके बाद भी पुलिस की कार्रवाई नगण्य रहता है। इससे जाहिर अवैध व्यापारियों और पुलिस का कुछ तो रिश्ता है।

 

ट्रैफिक वाले लेते है “नजराना” 

 

नो एंट्री जोन में घुसने वाली गाड़ियों की ट्रैफिक पुलिस के पास एंट्री करने एक लेखा जोखा रहता है। जिसके आधार पर एक सिपाही समय समय पर नजराना वसूलने गिट्टी व्यापारियों के दुकानों में बैठे दिख जाते हैं।

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