Faces Serious Allegations : भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष राहुल टिकरिहा पर गंभीर आरोप, चाचा ने लगाए अवैध संबंधों के आरोप, वायरल ऑडियो से मचा सियासी भूचाल
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष राहुल टिकरिहा पर गंभीर आरोप

रायपुर, 01 सितंबर। Faces Serious Allegations : छत्तीसगढ़ भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा एक बड़े विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। उनके चाचा रविकांत टिकरिहा ने उन पर अवैध संबंध रखने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस आरोप के बाद से प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
इस विवाद को और गहराने वाला एक 18 मिनट का ऑडियो क्लिप और एक शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर राहुल टिकरिहा से जुड़ी आपत्तिजनक बातचीत का दावा किया गया है। मामला बेमेतरा जिले के सिलहट गांव से जुड़ा बताया जा रहा है।
शिकायती पत्र में चाचा का गंभीर आरोप
राहुल टिकरिहा के चाचा रविकांत टिकरिहा ने अपने शिकायती पत्र में दावा किया है कि राहुल के कथित अवैध संबंधों के चलते उनका परिवार बिखर गया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि इस मामले ने उनके घरेलू जीवन को पूरी तरह प्रभावित किया है और परिवार के बीच गहरी दरार डाल दी है।
रविकांत ने समाज के अध्यक्ष से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा है कि ऐसे व्यवहार से पूरे समाज की छवि धूमिल हो रही है।
वायरल ऑडियो और सोशल मीडिया पर बहस
वायरल हो रहे ऑडियो क्लिप की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसको लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ यूजर्स ने भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, वहीं कुछ ने इसे एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश बताया है।
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “भाजयुमो का अध्यक्ष बनकर राहुल टिकरिहा ने परिवारवाद की नई परिभाषा गढ़ दी है।”
वहीं कुछ लोग राहुल को तत्काल पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि पार्टी की छवि को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप
शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि राहुल टिकरिहा के राजनीतिक प्रभाव के कारण स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। रविकांत का कहना है कि उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस निष्क्रियता पर भी सोशल मीडिया में नाराजगी देखी जा रही है। कई यूजर्स ने लिखा है कि यदि पुलिस समय पर कदम उठाती, तो यह मामला इतना तूल नहीं पकड़ता।
राहुल टिकरिहा की चुप्पी और बचाव में आए करीबी
इस पूरे विवाद पर अब तक राहुल टिकरिहा की ओर से कोई सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों का दावा है कि यह मामला लगभग चार साल पुराना है और कोर्ट से राहुल को इस मामले में क्लीन चिट मिल चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद पहले भी राहुल की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए उछाला गया था, और अब जब उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है, तो इसे दोबारा उठाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राहुल ने इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को सौंप दिए हैं।
संभावना जताई जा रही है कि वे जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष सार्वजनिक रूप से रख सकते हैं।
भाजपा या भाजयुमो की ओर से इस पूरे प्रकरण पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पार्टी की चुप्पी से सवाल और भी गहरे होते जा रहे हैं। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर भाजपा की नैतिकता और नेतृत्व चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
भाजपा के लिए यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब पार्टी प्रदेश में नक्सल उन्मूलन, सुशासन और युवा नेतृत्व को लेकर मजबूत संदेश देने की कोशिश कर रही है। ऐसे में युवा मोर्चा के प्रमुख पर लगे आरोप पार्टी की साख को झटका दे सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई और पार्टी ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह दीर्घकालिक राजनीतिक नुकसान में बदल सकता है।