
गरियाबंद। सोमवार की सुबह गरियाबंद कलेक्ट्रेट में कुछ अलग ही नज़ारा दिखा। कलेक्टर भगवान दास उइके ने सुबह 10 बजे संयुक्त जिला कार्यालय का गेट बंद करा दिया। नतीजा यह हुआ कि जो अधिकारी और कर्मचारी लेट पहुंचे, वे बाहर ही खड़े रह गए।
दरअसल, कलेक्टर को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचते। उन्होंने कई बार समझाया, नोटिस दिए और यहां तक कि अधिकारियों को गरियाबंद में ही रहने का आदेश भी दिया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। आखिरकार उन्होंने गेट बंद करने का सख्त कदम उठाया।
बाहर खड़े रह गए कर्मचारी आपस में चर्चा करते दिखे, जबकि ऑफिस आने वाले आम लोग इस फैसले से खुश नजर आए। उनका कहना था कि देर से खुलने या कर्मचारियों के लेट आने से जनता को परेशानी होती है। अब समय पर कामकाज होने की उम्मीद जगी है।
कलेक्टर उइके ने साफ कहा कि यह नियम आगे भी सख्ती से लागू रहेगा। जो समय पर नहीं आएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उनका कहना था, “बार-बार समझाइश और नोटिस के बाद भी सुधार नहीं हुआ। मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा ताकि कार्यालय का काम समय पर और व्यवस्थित हो।”