Breaking: इनकम टैक्स की रामा पावर स्टील और बीएमएस ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई..बैंक खाते और लॉकर सील..

रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़ में कई ठिकानों पर व्यापक अभियान. भारी नकद लेनदेन, कर चोरी की जांच जारी.दोनों समूहों के निदेशकों के व्यावसायिक संबंध भी जांच के घेरे में
रायपुर।आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की संयुक्त टीम के साथ मंगलवार को रामा पावर एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड और बीएमएस ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर एक बहुस्तरीय तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई आयकर महानिदेशक (डीजी) सतीश गोयल के प्रत्यक्ष निर्देशन में संचालित की गई।
करीब 100 कर अधिकारियों और सशस्त्र पुलिस बलों की टीम ने रायपुर, जगदलपुर और रायगढ़ में स्थित दोनों व्यावसायिक समूहों के दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत की गई इस कार्रवाई में जबलपुर और रायपुर से आए आयकर अधिकारी शामिल रहे।
व्यापक स्तर पर हुई छानबीन
रायपुर में सात स्थानों पर जांच हुई, जिनमें दो व्यावसायिक परिसरों को शामिल किया गया, जबकि जगदलपुर में चार ठिकानों पर छानबीन की गई, जिनमें एक आवासीय संपत्ति भी थी। वहीं रायगढ़ में भी एक प्रमुख ठिकाने को विभाग ने जांच के दायरे में लिया।
रामा ग्रुप, जिसके प्रमुख संजय गोयल हैं, मुख्य रूप से आयरन और स्टील निर्माण समेत अन्य विविध व्यवसायों में सक्रिय है, जबकि बीएमएस ग्रुप, जिसे श्यामलाल सोमानी संचालित करते हैं, कोल्ड स्टोरेज, रेस्तरां, बार और वेंडिंग मशीनों के माध्यम से बिक्री जैसे व्यवसायों में संलग्न है।
कर चोरी और नकद लेनदेन की जांच जारी
इस मंगलवार सुबह 6 बजे प्रारंभ हुए तलाशी अभियान के पीछे आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा को मिले उन आर्थिक इनपुट्स की अहम भूमिका रही, जिनमें दोनों समूहों द्वारा नकद लेनदेन और कर अनियमितताओं का संकेत मिला था। जांच दल वित्तीय बहीखातों, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स और महत्वपूर्ण लेनदेन दस्तावेजों की सूक्ष्मता से पड़ताल कर रहा है, वहीं फॉरेंसिक विशेषज्ञ संभावित अघोषित और बेहिसाब वित्तीय लेनदेन का पता लगाने में जुटे हैं।
महत्वपूर्ण रूप से, दोनों व्यावसायिक समूहों के निदेशक कई कंपनियों के मालिक हैं और इनमें से एक साझा व्यावसायिक इकाई में उनके कारोबारी संबंध भी पाए गए हैं। हालांकि, तलाशी अभियान दोनों समूहों पर स्वतंत्र रूप से चलाया जा रहा है।
बैंक खाते और लॉकर सील
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बड़ी मात्रा में लेनदेन से जुड़े दस्तावेज, नकद लेनदेन के अभिलेख और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं, जो संभावित कर चोरी की ओर इशारा कर रहे हैं।
इसी के साथ, दोनों व्यावसायिक समूहों और इनसे संबंधित कंपनियों के बैंक खातों एवं लॉकरों पर निषेधाज्ञा (Prohibitory Orders – POs) लागू कर दी गई है, जिससे इनकी संभावित वित्तीय संपत्तियों तक पहुंच को फिलहाल प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आगे की कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो तलाशी अभियान एक से दो दिन और जारी रह सकता है, क्योंकि आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा जब्त दस्तावेजों का गहन विश्लेषण कर रही है और व्यापक व्यावसायिक नेटवर्क को खंगाल रही है। इसके साथ ही, संबंधित प्रमुख व्यक्तियों को जल्द ही पूछताछ के लिए समन जारी किया जाएगा और प्रारंभिक जांच के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।