रायपुर, 08 जुलाई। Rationalization : शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के पश्चात नए स्थान पर ज्वाइनिंग न करने वाले शिक्षकों पर अब शिक्षा विभाग सख्त रुख अपनाने जा रहा है। डीपीआई (संचालक लोक शिक्षण) ने ऐसे शिक्षकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि वे तत्काल प्रभाव से नये स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे शिक्षकों के वेतन भुगतान पर भी रोक लगाने का आदेश दिया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में सभी संभागीय संयुक्त संचालक (JDs), जिला शिक्षा अधिकारी (DEOs) और संबंधित विद्यालय प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
आपत्तियों के निपटारे के लिए बनी समितियां
शिक्षकों के स्थानांतरण व युक्तियुक्तकरण के बाद उत्पन्न आपत्तियों और अभ्यावेदनों के निवारण के लिए राज्य और जिला स्तर पर दो समितियों का गठन किया गया है:
राज्य स्तर पर: डीपीआई की अध्यक्षता में समिति
जिला स्तर पर: संबंधित जिला कलेक्टर/कमिश्नर की अध्यक्षता में समिति
शिक्षक आगामी 15 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां और आवेदन संबंधित समिति को सौंप सकते हैं।
इसके बाद उन पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
क्या है युक्तियुक्तकरण
युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शिक्षकों की संख्या को विद्यालयों की छात्र संख्या और आवश्यकता के अनुसार संतुलित करना है। इस प्रक्रिया में शिक्षक का एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण किया जाता है ताकि सभी स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।
शिक्षा विभाग (Rationalization) का यह सख्त कदम स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और शिक्षक व्यवस्था को संतुलित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।