नई दिल्ली/रायपुर/बलौदाबाजार। Balodabazar sex scandal: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित बलौदाबाजार सेक्स स्कैंडल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बलौदाबाजार कोतवाली के पूर्व टीआई अमित तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी किया है और छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
Balodabazar sex scandal: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस संजय करोल की डबल बेंच, ने अमित तिवारी की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
Balodabazar sex scandal: यह है पूरा मामला
पूर्व थाना प्रभारी अमित तिवारी पर बलौदाबाजार में जून 2023 से मार्च 2024 तक के कार्यकाल के दौरान सेक्स स्कैंडल में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि एक अभियुक्त के मेमोरेंडम कथन के आधार पर उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि पहले अन्य आरोपियों की याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं।
Balodabazar sex scandal: कोर्ट में ये दी गई दलील
सुप्रीम कोर्ट में अमित तिवारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश पांडेय ने दलील दी कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते झूठा फंसाया गया है। उनका इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है और न ही कोई आर्थिक लेन-देन है। उन्होंने बताया कि अमित तिवारी का स्थानांतरण मार्च 2024 में जशपुर कर दिया गया था और नौ महीने बाद उनका नाम मामले में जोड़ा गया।