रायपुर। रायपुर ATS और रेंज साइबर की संयुक्त कार्रवाई में गांजा तस्करी के मामले में चार पुलिस कांस्टेबलों समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन कांस्टेबलों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उनकी गतिविधियों पर संदेह बढ़ता जा रहा था। पिछले तीन-चार महीनों से इन कांस्टेबलों की बड़ी कार्रवाई न करने की प्रवृत्ति भी टीम के संदेह को और मजबूत करती गई।
CG News: तस्करी का खुलासा कैसे हुआ
24 अक्टूबर को GRP की टीम ने 10-10 किलो ग्राम गांजा के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद ATS ने जांच को आगे बढ़ाते हुए बिलासपुर में सक्रिय तस्करों पर ध्यान केंद्रित किया। जांच में पाया गया कि जबलपुर निवासी तस्कर योगेश सौंधिया (39) और उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रोहित द्विवेदी (32) इन तस्करी गतिविधियों में शामिल थे। इन दोनों आरोपियों को ATS ने रायपुर लाकर पूछताछ शुरू की।
CG News: कांस्टेबलों की संलिप्तता का पर्दाफाश
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने GRP कांस्टेबल संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, मन्नू प्रजापति और सौरभ नागवंशी के नाम उजागर किए, जो इस तस्करी में सहयोग कर रहे थे। इन कांस्टेबलों की गिरफ्तारी के लिए तुरंत एक टीम गठित की गई। पकड़े गए दो कांस्टेबलों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया, जबकि बाकी दो से रिमांड पर पूछताछ जारी है। इनमें से एक कांस्टेबल पहले भी कोकीन के साथ पकड़ा गया था और उसे 10 महीने की सजा भी हुई थी।
CG News: ट्रेनों से तस्करी
जानकारी के अनुसार, इन तस्करों ने ट्रेनों के माध्यम से गांजा की तस्करी को अंजाम दिया। राज्य रेलवे सुरक्षा बल (GRP) में एंटी क्राइम टीम का गठन इसी उद्देश्य से किया गया था। इस टीम में बिलासपुर GRP के चार कांस्टेबलों समेत राजा दुबे और प्रधान आरक्षक इंद्रजीत बघेल को शामिल किया गया था। हालांकि, राजा दुबे और इंद्रजीत बघेल का बाद में ट्रांसफर हो गया। इस दौरान IG को यह शिकायत मिली कि GRP में कुछ कांस्टेबल उच्च अधिकारियों के संरक्षण में तस्करी में शामिल हैं।
इस गिरफ्तारी से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और आगे की जांच जारी है ताकि इस नेटवर्क की तह तक पहुंचा जा सके।