नई दिल्ली।केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. सरकार की तरफ से पीएम किसान निधि, पीएफ फसल बीमा योजना समेत ऐसी कई योजनाओं को किसानों के लिए संचालित किया जा रहा है, जिनसे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिली है. पीएम किसान निधि के तहत मिलने वाली 18वीं किस्त का इंतजार देश के करोड़ों किसानों को है. अब सरकार की तरफ से ऐलान किया गया कि जल्द ही 1,000 करोड़ रुपये का लोन गारंटी कोष शुरू किया जाएगा.
लोन देने वालों के रिस्क को ध्यान में रखा जाएगा
गारंटी कोष से पंजीकृत गोदाम का उपयोग करने वाले किसानों और कारोबारियों को ई-एनडब्ल्यूआर के बदले वित्त मुहैया कराने को लेकर लेकर बैंकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिलेगी. केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि 1,000 करोड़ रुपये का यह फंड लोन देने वालों के प्रत्याशित लोन रिस्क का ध्यान रखेगा. चोपड़ा ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में एक लोन गारंटी योजना को मंजूरी दी गई है और इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.
किसानों का मदद और आसानी से लोन दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट (ई-एनडब्ल्यूआर) के बदले वित्तपोषण का काम सरकारी कोशिश के बावजूद संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा था. हाल ही में ‘किसान उपज निधि’ पोर्टल की शुरुआत के बावजूद ऐसा देखा जा रहा था. ‘किसान उपज निधि’ एक सरकारी पहल है जिसका मकसद वित्तीय सहायता प्रदान करके किसानों का सपोर्ट करना और लोन तक आसान पहुंच देना है.
खाद्य सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 13 लाख करोड़ रुपये के लोन में फसल कटाई के बाद का वित्तपोषण केवल 3,962 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि नए लोन गारंटी कोष का मकसद लोन रिस्क का ध्यान रखना और ई-एनडब्ल्यूआर को गिरवी रखकर लिए जाने वाले लोन को मौजूदा लेवल से अगले 10 साल में 1,05,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाना है.