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Another list of IAS transfers: थानेदार और अवैध कारोबार,महादेव सट्टा ऐप की शैली में वन विभाग भी ले रहा खाता..बीजेपी नेता के घर जीएसटी की रेड और वेट,सीमेंट के खेल में मुनाफे का जोड़…

🔶थानेदार और अवैध कारोबार

Another list of IAS transfers : पॉवर हब के थानेदार और अवैध कारोबार की धमक राजधानी तक गूंज रही है जो खाकी की छवि को धूमिल करने के लिए अपने आप में पर्याप्त है, तभी तो प्रदेश के गृह मंत्री के आईने में सबके सामने कोरबा पुलिस को चेहरा साफ करना पड़ा।

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दरअसल थानेदार अपने रिस्क पर कोयला कबाड़ और जुआ चला रहे हैं। जिसकी गुप्त रिपोर्ट सीधे सरकार तक पहुंच रही है। कोरबा पुलिस के वीर सिपाहियों पर गृह मंत्री के तंज ने बालको पुलिस के द्वारा एक ट्रक कबाड़ जब्ती ने आशंकाओं को सत्य सिद्ध कर दिया! Another list of IAS transfers

खबरीलाल की माने तो मड़वारानी के जंगल में चल रहा जुआ सेटिंग का जुआ था। जिसकी सूचना विभाग के बड़े अधिकारियों को भी थी। सत्ता के कड़े तेवर और थानेदार के स्थानांतरण के सेटिंग के जुए पर कार्रवाई हुईं तो फड़ चलाने वाले    डेयरिंग पर्सन घूम घूम कर कहते फिर रहे हैं..”ऊपर का दबाव था फिर बहुत जल्दी शुरु हो जाएगा। Another list of IAS transfers

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बात अगर कोयलांचल की जाए तो कोयला डीजल का कारोबार भी ईमानदारी के साथ चल रहा है। जिसकी पुष्टि बीच बीच में छिटपुट कार्रवाई कर जागरूकता का परिचय दिया जाता है। वैसे तो दर्री क्षेत्र में कबाड़ से जुगाड़ गुप्त रूप से किया जा रहा है। तभी तो बालको के बीसीपीपी प्लांट को सुनियोजित ढंग से प्लांनिग के तहत धीरे- धीरे काटकर बेचा जा रहा है। अब थाने से मात्र कुछ दूरी में हो रही चोरी की जानकारी थानेदार को न हो ऐसा हो नही सकता। सो स्पष्ट है कि सब सेटिंग से चल रहा है। पॉवर हब में चल रहे अवैध व्यापार को लेकर जनमानस में चर्चा छिड़ गई है। साहेब ये पब्लिक है जो सब जानती है। ये बात अलग है कि गृह मंत्री के फटकार के बाद पुलिसिंग में कसावट की आस लोगों को है।Another list of IAS transfers

 

🔶महादेव सट्टा ऐप की शैली में वन विभाग भी ले रहा खाता किराये पर…

महादेव सट्टा एप की तर्ज पर फारेस्टर भी बैंक खाता किराया लेकर मजदूरी भुगतान करा रहे हैं। यह तब उजागर हुआ जब पसरखेत रेंज के फॉरेस्ट गार्ड के घर चोरी हो गई। चोरी के आरोप में बिलासपुर के रहने वाले उनके सखा को गिरफ्तार किया गया। मित्र के घर मे रखे रकम की चोरी के आरोप में जेल में बंद जेंटलमैन से मिले इनपुट की माने तो वो भी दोस्त को कमाई कराने कमीशन पर बीट गार्ड को खाता किराया उपलब्ध करा रहा था। इसके बदले में उन्हें तय शुदा रकम बतौर कमीशन लेना था।

चूंकि मामला बिना काम के मजदूरी भुगतान का था जो असंवैधानिक तो था ही, सो रकम बड़ी थी और मजदूरी भुगतान के बाद खातेदारों के खातों से रकम निकालकर सारा पैसा बीट गार्ड को दे दिया। रकम वापस करने के बाद कमीशन देने के लिए दोस्त को साल भर से टरका रहा था। सो पहला अवसर मिलते ही फारेस्ट गार्ड के घर में रखे रकम की चोरी कर ली और अपना कमीशन लेकर शेष राशि वापस करने की बात कही।

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इस पर बीट गार्ड ने चोरी की शिकायत करते हुए अपराध दर्ज कराकर सारा रकम हजम कर लिया। इस घटना के बाद वन विभाग के ऊपरी कमाई वाले अफसर तरीका बदल कर अपने रिश्तेदारों के खाते में रकम ट्रांसफर करा रहे हैं। वन विभाग में चल रहे बिना काम  के दाम वसूलने के इस खेल का जल्द धमाकेदार रहस्योद्घाटन शीघ्र ही होने की बात कही जा रही है। मतलब बीट गार्ड के प्लान पर पानी और अफसरों की कहानी पर का पटाक्षेप अब बस होने ही वाला है।

🔶बीजेपी नेता के घर जीएसटी की रेड और वेट…!!

शहर के एक भाजपा नेता के घर जीएसटी की रेड हुई लेकिन, कार्रवाई सार्वजनिक नहीं हो पाई। जीएसटी के चोरी छुपे हुए छापे पर जनमानस में चर्चा है साहेब कितना था वेट..!! बात सीतामणी के एक भाजपा नेता की है जो ठेकेदारी के साथ कोयला के कारोबार से जुड़े हैं।

खबरीलाल की माने तो जीएसटी की टीम ने घर में छापेमारी की और दस्तावेज भी अपने साथ ले गए, पर कार्रवाई क्या हुई इस पर सभी चुप्पी साधे हैं। ये बात अलग है कि नेता जी के ही अपने साथी बाजार में गोपनीय तरीके से कहते फिर रहे है “जीएसटी जमा करने में बड़ा गोलमाल था। सो रकम भी बड़ा लगा ही होगा।” कहा तो यह भी जा रहा है कि शहर में एक के बाद धन्ना सेठों के घर लगातार पड़ रहे जीएसटी रेड से जीएसटी चोरी करने वाले कारोबारियों के घर से तेल निकलना शुरू हो गया है।

सूत्रो से मिले इनपुट की माने तो जीएसटी टीम का छापा मात्र ट्रेलर है पिक्चर तो रेत कारोबारियों पर बनाने की तैयारी है। वैसे जीएसटी छापे की खुसुर फुसर बड़े ठेकेदार और ट्रांसपोर्टरों की जुबां पर हैं। क्योंकि जीएसटी चोरी के मामले में सबसे बड़ा खेला ट्रांसपोर्टरों का है। जो नए तरीके से टैक्स चोरी कर बेनामी संपत्ति बना रहे हैं। हालांकि ऐसे नेता कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में अपनी पकड़ रखते हैं जो समय पड़ने पर अपना दबाव बनाकर बच निकलते हैं।

🔶सीमेंट के खेल में मुनाफे का जोड़

छत्तीसगढ़ की करीब आधा दर्जन सीमेंट कंपनियों ने प्रति बोरी 50 रुपए तक कीमतें बढ़ा दीं…इसी को लेकर सत्ता और विपक्ष एक दूसरे से उलझ गए मगर सरकार चुप है..। सरकार की इस चुप्पी को लेकर मकान बनाने वालों और ठेकेदारों में कानाफूसी हो रही है।

मौका देकर चौका मारने वाले अंदाज में सीमेंट कंपनियों ने अपने लिए मुनाफे का पिच तैयार कर लिया। मगर बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल की इस पर सवालों की गुगली बाल डालकर खेल का मजा खराब कर दिया।

खबरीलाल बताते हैं कि मॉनसून की वापसी के साथ कंस्ट्रक्शन का काम तेज होता है। और सीमेंट कंपनियां ऐसे ही मौके पर दाम बढ़ाकर अपना खेल खेलती हैं। इस बार ऐसा ही हो रहा है। और तो और अगले 2.3 महीने हजारों की संख्या में पीएम आवास भी बनाए जानें हैं। कुल मिलाकर हल्ला मचने पर अगर प्रति बोरी सीमेंट के दाम 5.10 रुपए कम भी करना पड़े तो सौदा मुनाफे वाला ही होना है।

अब तो इस मामले में विपक्ष की भी इंट्री हो गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार से पूछ ही लिया ..सीमेंट पर 50 रुपए प्रति बोरी की वसूली किसके लिए हो रही है। क्या भाजपा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के फंड जुटाने के लिए वसूली कर रहे हैं।

हालांकि नेता प्रतिपक्ष के सवाल का विष्णुदेव साय सरकार व उनको चलाने वाले किसी भी मंत्री या अन्य नेताओं का कोई भी जवाब नहीं आया है, लेकिन सीमेंट के खेल में मुनाफे का जोड़ सामने आ गया है…। अब आगे सरकार क्या करने वाली है ये देखने वाली बात होगी।

🔶इसी पखवाड़े आईएएस ट्रांसफर की एक और लिस्ट

छत्तीसगढ़ में सरकार ने अधिकारिक तौर पर ट्रांसफर से बैन नहीं हटाए हैं मगर रूटिन में लगातार तबादलें हो रहे हैं। अलग अलग विभागों में हर सप्ताह ट्रांंसफर लिस्ट जारी हो रही है। मंत्रालय और संचालनालय में भी अफसरों के प्रभार में फेरबदल होता ही रहा है।

तीन दिन बाद 12 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस लेंगे। दो दिन के कांफ्रेंस के पहले दिन 12 तारीख सभी जिलों कलेक्टरों अपने यहां जल जीवन मिशन के कार्यों का ब्यौरा देना होगा। इसके अलावा अन्य योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा इसी सप्ताह केंद्र की प्रतिनियुक्ति से लौटे आईएएस सचिवालय में अपनी आमद देंगे।

ऐसे में मंत्रालय में सीनियर अफसरों के प्रभार में फेरबदल हो सकता है। इसके अलावा कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में पुअर परफारमेंस वाले अफसर को बदला जा स​कता है। हालांकि ये लिस्ट छोटी होगी लेकिन अक्टूबर में जंबो लिस्ट निकलने के चांस बने हुए हैं।

✍️अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा

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