0 वाहनों को पास करने का बना रहे थे दबाव
न्यूज़ डेस्क। उत्तराखंड में आईपीएस अफसर (एसपी) को रिश्वत की पेशकश करने वाले दो अभियुक्तों को पांच साल के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। अभियुक्त ओवर लोड वाहन पास कराने के लिए एसपी को 20 हजार रुपये रिश्वत की पेशकश करते हुए धरे गए थे।
नौ जनवरी 2019 को उत्तराखंड के बागेश्वर थाने में कपकोट के रीमा स्थित खड़िया खनन की कंपनी कटियार माइंस के प्रबंधक मध्यप्रदेश के कटनी जिला निवासी भगवान सिंह और कानूनी सलाहकार बागेश्वर निवासी इंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। दोनों अभियुक्तों पर तत्कालीन एसपी लोकेश्वर सिंह को 20 हजार रुपये रिश्वत की पेशकश करने का आरोप था।
वाहनों को पास करने का बना रहे थे दबाव
आरोपियों ने दूसरे राज्यों को जाने वाले खड़िया ट्रकों को ओवरलोडिंग के बावजूद पुलिस चेकिंग से बिना रोके निकालने के लिए एसपी से रिश्वत की पेशकश की थी। एसपी के निर्देश पर मौके पर ही दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
टॉप ईमानदार आईपीएस हैं लोकेश्वर सिंह
लोकेश्वर सिंह उत्तराखंड के टॉप मोस्ट ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में शुमार हैं। वह बागेश्वर के बाद चम्पावत और अब वर्तमान में पिथौरागढ़ में एसपी के पद पर तैनात हैं। ईमानदारी और अनुशासन के लिए आईपीएस लोकेश्वर सिंह की पूरे राज्य में मिशाल दी जाती है।
पांच मार्च को दाखिल किया था आरोप पत्र
भ्रष्टाचार के इस मामले में पुलिस ने पांच मार्च 2019 को कोर्ट मेें आरोप पत्र दायर किया था। लोक सेवा अभियोजक गिरिजा शंकर पांडेय ने आरोपियों के खिलाफ आठ गवाह पेश किए। मिठाई का डिब्बा और नोटों की गड्डी भी साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश की गई।
पांच-पांच साल कैद और जुर्माना
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कोर्ट हल्द्वानी में होने की वजह से मामला यहां सुना गया। कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को पांच-पांच साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।