
न्यूज डेस्क। एक्सप्रेसवे पर डर्टी पिक्चर वाले नेता मनोहरलाल धाकड़ को गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही सोमवार को गरोठ न्यायालय से जमानत मिल गई।इसके बाद उन्हें गरोठ जेल से रिहा कर दिया गया। जमानती अपराध होने से धाकड़ को आसानी से जमानत मिल गई। हालांकि पुलिस अभी महिला की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।
गौरतलब है कि करीब आठ दिन पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत की वार्ड क्रमांक 8 की भाजपा समर्थित सदस्य के पति मनोहरलाल धाकड़ का एक्सप्रेस वे पर अपनी महिला मित्र के साथ आपत्तिजनक हालत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जो कि एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में 13 मई को रिकॉर्ड होना बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद 23 मई को भानपुरा थाना पुलिस ने मनोहरलाल और उसकी महिला मित्र के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था।
पुलिस ने धाकड़ को 25 मई रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। करीब तीन घंटे तक पूछताछ करने के बाद पुलिस ने धाकड़ को न्यायालय में पेश किया था, जहां से धाकड़ को जेल भेज दिया गया था। सोमवार को धाकड़ की तरफ से जमानत के लिए गरोठ न्यायालय में आवेदन लगाया गया, जिसके बाद जमानती अपराध होने के चलते न्यायालय ने धाकड़ को जमानत पर रिहा कर दिया। हालांकि पुलिस अभी तक महिला तक नहीं पहुंच पाई है। वहीं मनोहरलाल ने भी पुलिस को महिला के मामले में कोई जानकारी नहीं दी है।
पुलिस को आशंका एनएचएआई कर्मियों ने पहले भी लोगों से वसूली की होगी
वीडियो सामने आने के बाद से ही नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के काम पर सवाल उठ रहे हैं। मामले में कर्मचारियों ने धाकड़ को घेरकर ब्लैकमेल किया। रुपए नहीं मिले तो पहले स्क्रीन शॉट और बाद में फुटेज वायरल कर दिए। पुलिस को आशंका है कि एनएचएआई कर्मचारियों द्वारा पहले भी इस तरह से वसूली की गई होगी। रतलाम रेंज डीआईजी मनोजकुमार सिंह का कहना है किसी को निजता भंग करने का अधिकार नहीं है। मंदसौर एसपी अभिषेक आनंद द्वारा जारी नोटिस के बाद एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप पाटीदार अन्य डिटेल उपलब्ध कराने में जुटे हैं।
सभी आरोपियों पर लीगल एक्शन होना तय
डीआईजी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में एनएचएआई के स्थानीय कार्यालय से भी जवाब मांगा गया है। वीडियो लीक करने के मामले में विवेचना जारी है। किसी की प्राइवेसी भंग करने का अधिकार किसी को नहीं है। सख्त धाराओं का भी प्रावधान है। केस में सभी तरह के आरोपियों पर लीगल एक्शन होना तय है।