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कोरबा में बीजेपी को कमजोर करने वाले कौन!..अग्रवाल समाज को क्यों किया जा रहा किनारा

कोरबा। कोरबा जिले में बीजेपी की स्थानीय राजनीति तेजी से बदल रही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली जीत के बाद बीजेपी के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को किनारे करने का प्रयास किया जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि पार्टी लाइन के खिलाफ कार्य कर संगठन को कमजोर करने की कोशिश उन नेताओं और उनके करीबी द्वारा की जा रही है जो इस व​क्त प्रदेश की सत्ता में प्रभावशाली हैं। इस बात की जानकारी समय- समय पर प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन तक हुई, मगर इन्हें रोकने के कोई प्रयास नहीं हुए।

 

बता दें कि कोरबा जिला में पार्टी कुछ सीनियर नेताओं की सोची समझी चाल के वजह से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि प्रदेश के 10 सीटों पर बीजेपी के सांसदों को बड़ी लीड से जीत मिली थी। कोरबा एकमात्र ऐसी सीट रही जहां बीजेपी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

0.संगठन में अग्रवाल समाज को किया जा रहा किनारा

पहले जिला अध्यक्ष पद के चुनाव में अग्रवाल समाज के नेता का नाम सामने आया था। बाद में बीजेपी के अध्यक्ष पद पर मनोज शर्मा ने बाजी मार ली। जबकि इस पद के लिए ब्राम्हण चेहरा के रूप में तरुण मिश्रा और अग्रवाल समाज से गोपाल मोदी के अध्यक्ष बनाए जाने के लिए पार्टी संगठन में एक राय बनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर कोरबा बीजेपी के विशेष गुट ने गोपाल मोदी की जगह मनोज शर्मा का नाम आगे बढ़ा दिया।

0.महापौर उम्मीदवार के चुनाव में भी अग्रवाल समाज को नहीं दिया मौका

बता दें कि संगठन चुनाव में कोरबा दो बड़े नेताओं ने मिलकर गोपाल मोदी को किनारे करने में सफल रहे। उसके बाद महापौर चुनाव में भी यही नेता महापौर उम्मीादवार के चयन में आरती अग्रवाल का नाम तय होने के बाद टिकट कटवा दिया।

0.सभापति में अधिकृत उम्मीदवार को ही हरा दिया, भुला दिया पार्टी अनुशासन

कोरबा जिले में अग्रवाल समाज के नेताओं को हाशिए पर ढकेलने के लिए दो बड़े नेता गलबहिया कर निगम सभापति में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार हितानंद तक को हरवा दिया। और तो इसके लिए पार्टी के प्रदेश संगठन को अंधेरे में रखकर पार्टी के बागी पार्षद को सभापति चुनाव के लिए नामांकन करा दिया। और हितानंद को हार का सामना करना पड़ा।

कोरबा में बीजेपी संगठन के कुछ नेताओं द्वारा पार्टी संगठन को कमजोर करने की कोशिश की शिकायत पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लेकर दिल्ली तक हुई। प्रदेश बीजेपी ने निगम सभापति में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार हितानंद की हार की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बना कर जवाब पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने वालों से जवाब तलब किया है।

इस मामले में कोरबा शहर के विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री लखनलाल देवांगन को निगम सभापति चुनाव में पार्टी के बागी प्रत्याशी को जीत की बधाई को पार्टी विरोधी कार्य मानकर जवाब मांगा गया है। अब देखने वाली बात ये है कि बीजेपी पार्टी इस मामलें क्या फैसला लेती है।

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