
CG coal levy scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोयला लेवी घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने दो वर्षों से फरार चल रहे आरोपी नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद नवनीत तिवारी को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
नवनीत तिवारी वर्ष 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद से लगातार फरार था। अदालत ने उसके विरुद्ध स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। नवनीत पर अवैध कोल लेवी की योजना बनाने, वसूली करने और उससे अर्जित अवैध धनराशि को निवेश करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
CG coal levy scam: क्या है कोयला लेवी मामला
ED की जांच में सामने आया कि सिंडीकेट ने राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से अवैध वसूली की। जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपए की अवैध लेवी वसूली गई। 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था।
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने आदेश जारी किया था। यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों को दिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। इसमें जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था, यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।