मुंबई। जीआरपी के सीपी रहे IPS अधिकारी कैंसर खालिद को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुए होर्डिंग हादसे के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को डीजीपी कार्यालय की मंजूरी के बिना होर्डिंग की अनुमति देने के लिए निलंबित किया है। पिछले महीने मुंबई के घाटकोपर इलाके में तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के कारण 140×120 फीट का यह विशाल होर्डिंग गिर गया था। जिससे 17 लोगों की मौत हो गई थी।
राज्य के गृह विभाग की ओर से रविवार को एक अधिसूचना जारी की गई। इसमें कहा गया कि आईपीएस अधिकारी ने तत्कालीन सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) आयुक्त के रूप में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय से जरूरी अनुमति के बिना होर्डिंग लगाने की अनुमति दी।
अधिसूचना में कहा गया कि खालिद ने खुद ही होर्डिंग को मंजूरी देने में भी प्रसासनिक लापरवाही और अनियमताएं कीं। होर्डिंग का आकार भी स्वीकृत मानदंडों से भिन्न था।
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब मुंबई पुलिस कथित तौर पर होर्डिंग के स्वामित्व वाली कंपनी और आपीएस अधिकारी की पत्नी के एक व्यापारिक सहयोगी से जुड़े धन के लेन-देन की जांच की जा रही है।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया का आरोप
इससे पहले बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने रविवार (23 जून) को आरोप लगाया था कि विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे ने तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर की पत्नी की कंपनी को 46 लाख रुपये की रिश्वत दी थी, जिसने एक होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी जो पिछले महीने यहां गिर गई थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में ये भी दावा किया कि घाटकोपर में दो दर्जन अवैध होर्डिंग्स के लिए एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (जहां भिंडे निदेशक थे) द्वारा अलग-अलग रेलवे पुलिस और बीएमसी के अधिकारियों को 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
पूर्व बीजेपी सांसद ने बताया था उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा, जिसमें घाटकोपर होर्डिंग्स घोटाले में रिश्वत के लिए तत्कालीन सरकारी रेलवे पुलिस कमिश्नर कैसर खालिद को निलंबित करने का अनुरोध किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले बताया था कि जिस जमीन पर होर्डिंग लगा था उसका कब्जा राजकीय रेलवे पुलिस के पास है और तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने M/s इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को 10 साल के लिए एक पेट्रोल पम्प के पास होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी। होर्डिंग गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया।