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CG News: दिल्ली में जीएसटी राजस्व सुधार के लिए मंत्रियों के समूह की अहम बैठक, छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बोगस पंजीयन और फर्जी बिलों पर सख्त कार्रवाई के दिए सुझाव

CG News: नई दिल्ली/रायपुर। देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई।

 

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक का उपयोग, तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।

CG News: छत्तीसगढ़ के अनुभव साझा कर बताया.प्रदेश में कैसे हुई राजस्व बढ़ोत्तरी

बैठक में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ में जीएसटी राजस्व संग्रहण में हुई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स के उपयोग से कर अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाई गई है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चौधरी ने बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के उपयोग पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि इन नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और कार्रवाई में तेजी आएगी।

CG News: केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र पर जोर

चौधरी ने फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, और पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ये उपाय न केवल राजस्व बढ़ाएंगे, बल्कि करदाताओं में विश्वास भी बढ़ाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में की जा रही नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं के सकारात्मक परिणामों को भी रेखांकित किया।

CG News: सभी राज्यों से साझा प्रयास की अपील

वित्त मंत्री ने सभी राज्यों से साझा प्रयास करने की अपील की ताकि जीएसटी राजस्व संग्रहण में स्थायित्व और वृद्धि सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विश्वास जताया कि मंत्रियों के समूह द्वारा दिए गए सुझावों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी। यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष सुधारात्मक प्रस्ताव पेश करने में महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी।

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