
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाला मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया, एनजीओ संचालक मनोज कुमार और बिचौलिया सूर्यकांत तिवारी की नियमित जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया सभी आरोपी इस आर्थिक अपराध में संलिप्त प्रतीत होते हैं।
Dmf Scam : कोर्ट का आदेश और टिप्पणी हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि FIR और केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि आरोपियों ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) की धारा 7 और 12 के तहत अपराध किया है। कोर्ट ने माना कि रिकॉर्ड और अन्य सामग्री के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह एक आर्थिक अपराध का मामला है, जिसमें आरोपियों की संलिप्तता प्रथम दृष्टया सिद्ध होती है। जस्टिस व्यास ने कहा आवेदकों को नियमित जमानत देना उचित नहीं है और इसके साथ ही सभी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।