
दंतेवाड़ा ।जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के फर्जी टेंडर घोटाले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में विभाग के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त के.एस. मसराम और वर्तमान में पदस्थ सहायक आयुक्त डॉ. आनंद जी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं विभाग का क्लर्क संजय कोड़ोपी कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गया।
यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई। जांच में सामने आया कि वर्ष 2021 से अब तक 45 फर्जी टेंडर निकाले गए। इनमें न तो समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया गया और न ही विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए। टेंडर पूरी तरह गोपनीय तरीके से निकालकर चहेते ठेकेदारों को कार्य आवंटित किए जाते रहे।
कलेक्टर दुदावत के निर्देश पर आदिम जाति कल्याण विभाग के वर्तमान सहायक आयुक्त राजू कुमार नाग ने सिटी कोतवाली में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने आरोपियों पर धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत गंभीर अपराध दर्ज किया है।
एफआईआर 21 अगस्त को दर्ज की गई थी, जिसके बाद सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मसराम को रायपुर से और सहायक आयुक्त डॉ. आनंद जी सिंह को जगदलपुर से गिरफ्तार किया गया। वहीं फरार क्लर्क संजय कोड़ोपी की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।