कोरबा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत ने निर्देश दिए हैं कि मीडिया माध्यमों में ऐसे विज्ञापनों को न चलाया जाए, जिनसे सामाजिक समरसता को बिगाड़ने अथवा तनाव को बढ़ाने, शांति भंग करने वाली बातें हों। उन्होंने निर्वाचन आयोग से जारी गाइडलाइन पर बताया कि मतदान से एक दिन पहले और मतदान दिवस के विज्ञापन का प्रमाणन जरूरी होगा। इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने 6 व 7 मई को 48 घंटे लगातार निगरानी की जाएगी, जिसके लिए विशेष टीम भी गठित की गई है।
कलेक्टर श्री वसंत ने लोकसभा निर्वाचन 2024 के संबंध में चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत मतदान दिवस एवं मतदान से एक दिन पूर्व मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के विज्ञापनों का प्रमाणन मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी (एमसीएमसी) से अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मीडिया प्रमाणन का मूल आधार आदर्श आचार संहिता के पालन से जुड़ा है। ऐसा कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा जो सामाजिक समरसता को बिगाड़ने अथवा तनाव को बढ़ाने, शांति भंग करने, संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत हो और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला नहीं हो। कलेक्टर ने बताया कि मीडिया प्रमाणन राजनैतिक विज्ञापन के लिए आवश्यक है। इनमें टीवी चौनल, केबल टीवी चैनल, रेडियो (निजी एफएम सहित), सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, बल्क एवं वाईस एसएमएस एवं सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम शामिल है। कोरबा जिले में 7 मई को वोट डाले जाएंगे। इसे देखते हुए 6 व 7 मई को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले ऐसे तमाम राजनीतिक विज्ञापनों को जिला व राज्य स्तर पर गठित प्रमाणन व मीडिया निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य है। निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। राजनीतिक लाभ लेने व मत याचना के लिए राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा समाचार-पत्रों में विज्ञापन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन अयोग के निर्देशानुसार राज्य स्तर पर एक राज्य स्तरीय एमसीएमसी कमेटी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा गठित की गई है, राज्य स्तरीय कमेटी में राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक ई-विज्ञापनों का प्रमाणीकरण कराया जा सकता है, इसके साथ ही हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर एमसीएमसी कमेटी गठित है।
पेड न्यूज पर रहेगी कड़ी निगरानी
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पेड न्यूज (क्रीत समाचार) से तात्पर्य समाचार पत्रों में प्रकाशित उन समाचारों में हो जो वास्तव में किसी दल अथवा प्रत्याशी द्वारा अपने लाभ के लिए प्रायोजित किए जाते है। किसी प्रिंट अथवा इलेक्ट्रानिक मीडिया में आने वाले ऐसे समाचार, जिसके लिए कोई भुगतान नगद अथवा अन्य माध्यम से किया गया हो, वह क्रीत समाचार (पेड न्यूज) है। इसके लिए जिला स्तर पर मीडिया निगरानी समिति टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि किसी प्रत्याशी के प्रचार एवं आमसभा के समय से क्रीत समाचार के लिए निगरानी रखी जाएगी।