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KORBA :  लोकसभा है कांग्रेस का किला, कभी गोंगपा और फिर नोटा ने बिगाड़ा खेल.. भाजपा के लिए इस किले पर सेंध लगाना बड़ा चैलेंज…

कोरबा। छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों में कोरबा एक ऐसी सीट रही है, जहां सियासत के बड़े बड़े महारथियों को मुंह की खानी पड़ी। पिछले कई चुनाव इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता रहा है। कभी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तो पिछली बार नोटा ने भाजपा का खेल बिगाड़ा। आलम यह रहा कि करुणा शुक्ला सरीखे नेशनल चेहरे पर दांव लगाना भी भाजपा के लिए महंगा साबित हुआ था। एक बार फिर राष्ट्रीय रसूख रखने वाली कद्दावर नेत्री का सामना कांग्रेस से है, जिनके लिए इस किले में सेंध लगा पा बड़ा चैलेंज माना जा रहा है।

संसदीय क्षेत्र कोरबा देश के 543 और छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीट में से एक है। यह लोकसभा क्षेत्र 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। वर्ष 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ, तब कांग्रेस पार्टी ने भारी मतों से जीत दर्ज की। कांग्रेस पार्टी के डॉ चरण दास महंत कोरबा लोकसभा सीट के पहले सांसद बने। इससे पहले कोरबा लोकसभा सीट जांजगीर लोकसभा सीट का हिस्सा था। यह वही जांजगीर लोकसभा सीट है, जहां से बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने साल 1984 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और पहला चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें तब हार का सामना करना पड़ा था। जांजगीर लोकसभा से पहले सांसद कांग्रेस पार्टी के अमर सिंह सहगल थे। 2009 में कोरबा लोकसभा बनने के बाद डॉ चरण दास महंत, फिर 2014 में बीजेपी डॉ बंशीलाल महतो और 2019 में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी से ज्योत्सना चरण दास ने यहां से जीत दर्ज कर कांग्रेस की सत्ता लौटाई।

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2019 में गोंगपा तीसरे और बसपा चौथे स्थान पर रही

 

ज्योत्सना चरण दास महंत को 46.03 मत मिले थे, जबकि बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को 43.72 प्रतिशत वोट मिले थे। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानि जीजीपी के उम्मीदवार तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम जो तीसरे स्थान पर थे। उन्हें 3.29 वोट मिले और चौथे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के परमीत सिंह को 1.40 प्रतिशत वोट मिले थे।

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केवल 4,265 वोट के मामूली अंतर से जीते थे बीजेपी के डॉ महतो

इससे पहले 2014 में बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने कांग्रेस के चरण दास महंत को एक नजदीकी मुकाबले में 4,265 वोटों से हराया था। डॉ बंशीलाल महतो को जहां 4,39,002 वोट मिले थे वहीं चरण दास महंत को 4,34,737 वोट मिले। यहां तीसरे स्थान पर रहे जीजीपी के हीरासिंह मरकाम को 52,753 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे आईएनडी के जीवन लाल रौतेल को 18,459 वोट मिले जबकि पाचवें स्थान पर यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमर नाथ पांडे थे उन्हें तब 14594 वोट मिले थे।

पूर्व पीएम बाजपाई की भतीजी करुणा को हरा 2009 में चरण पहले सांसद बने

परिसीमन के बाद बने कोरबा लोकसभा क्षेत्र में पहली बार 2009 में चुनाव हुआ था। तब कांग्रेस पार्टी के चरण दास महंत ने बीजेपी के करुणा शुक्ला को 20737 वोटों से हराया था। कांग्रेस पार्टी के चरण दास महंत को जहां 3,14,616 वोट मिले थे वहीं करुणा शुक्ला को 2,93,879 वोट मिले जीजीपी के हीरा सिंह मरकाम यहां तीसरे स्थान पर रहे, जबकि निर्दलीय शंभू प्रसाद शर्मा एडवोकेट 23,136 वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे।

ऐसे समझें यहां का राजनीतिक समीकरण

कोरबा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिनमें मरवाही, रामपुर, पाली-तानाखार, कटघोरा, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और कोरबा शामिल है। इन विधानसभा क्षेत्रों में पांच विधानसभा क्षेत्र कोरबा जिले की जबकि तीन विधानसभा क्षेत्र अविभाजित कोरिया जिले की शामिल हैं। कोरबा जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था। यह एक आदिवासी बहुसंख्यक जिला है। सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन होने की वजह से कोरबा को छत्तीसगढ़ राज्य का पावर कैपिटल भी कहा जाता है। यह जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है और मुख्य रूप से आदिवासी द्वारा संरक्षित जनजाति कोरवा (पहाड़ी कोरवा) का बसाया हुआ है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कुल 15,08,840 मतदाता है। इससे पुरुष मतदाता की संख्या 7,49,560 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7,59,225 है। यहां थर्ड जेंडर निर्वाचक कुल 55 हैं। कोरबा में 2019 में हुए मतदान का कुल मतदान प्रतिशत 75.35% था। बीजेपी ने यहां सरोज पांडे को टिकट दिया है तो कांग्रेस पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद को एकबार फिर से मैदान में उतारा है।

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