कोरबा। लोकल को दरकिनार कर एनटीपीसी ने ठेका बदलकर किसी बाहरी को राखड़ उठाने का ठेका दे दिया है। इससे नाराज लोकल ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए हैं। उठाव ठप पड़ जाने से राखड़ डैम फुल हो गया और अब एनटीपीसी के सामने बिजली उत्पादन का संकट उठ खड़ा हुआ है। इस मसले को सुलझाने बातचीत का रास्ता अपनाते हुए पुलिस के साथ एनटीपीसी के अफसर ट्रांसपोर्टरों को मनाने जुटे हैं।
एनटीपीसी संयंत्र के राखड़ परिवहन का ठेका बदलकर किसी नई कंपनी को दे दिया गया है। स्थानीय की उपेक्षा से नाराज फ्लाई ऐश ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने हड़ताल कर दी है। इससे एनटीपीसी में बिजली उत्पादन पर असर पड़ने का संकट मंडराने लगा है। महारत्न कंपनियों में शुमार एनटीपीसी कोरबा के विद्युत संयंत्र से निकले फ्लाई ऐश का उठाव बंद होने से किसी भी वक्त विद्युत उत्पादन की समस्या निर्मित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। दरअसल एनटीपीसी कोरबा का राखड़ बांध ग्राम लोतलोता में स्थित है, जहां सैकड़ों ट्रकों के माध्यम से लगातार राखड़ का उठाव राज्य व देश के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है।
एसोसिएशन का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर एनटीपीसी प्रबंधन के कुछ अधिकारियों द्वारा स्थानीय ट्रांसपोर्टर की उपेक्षा करते हुए अन्य ट्रांसपोर्टर को राखड उठाव का कार्य दे दिया। एनटीपीसी पर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए विरोध किया जा रहा है। जिला फ्लाई ऐश कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन द्वारा भारी वाहनों के पहिए रोक कर हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है। जिससे राखड़ बांध पूरी तरह भर जाने से बिजली उत्पादन को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे है। उधर फ्लाई ऐश का उठाव न होने की सूचना मिलने पर एनटीपीसी प्रबन्धन और स्थानीय पुलिस मौके पर पंहुच कर ट्रांसपोर्टरों को समझाईश देने में जुटी है। अब देखने वाली बात होगी कि इस संकट से उबरने आखिर ट्रांसपोर्टरों के आगे एनटीपीसी प्रबंधन क्या रुख अख्तियार करता है।