छत्तीसगढ़

परीक्षा पे चर्चा 2025 : छत्तीसगढ़ के 9 छात्रों ने पीएम मोदी से पूछे सवाल, सीएम बोले…

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छत्तीसगढ़ के नौ छात्रों ने भाग लिया और पीएम से सीधे सवाल पूछे। रायपुर की छात्रा युक्तामुखी साहू ने पीएम मोदी से पूछा कि छोटी-छोटी जीतों से खुश रहना कैसे सीखें और नकारात्मकता से कैसे बचें? पीएम मोदी ने युक्तामुखी के सवाल का जवाब सहजता से दिया। युक्तामुखी ने कहा कि, सोशल मीडिया से दूर रहकर अच्छे से पढ़ाई की जा सकती है। युक्तामुखी की बातचीत पर सीएम साय ने कहा कि, आज पीएम ने देशभर के 5 करोड़ बच्चों को मार्गदर्शन दिया।

परीक्षा पे चर्चा को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, परीक्षा पे चर्चा का 8वाँ संस्करण आज हुआ। पीएम ने देशभर के 5 करोड़ बच्चों को मार्गदर्शन दिया। बच्चे भय मुक्त होकर परीक्षा दें, इसके लिए प्रेरित किया। परीक्षा में कई बार ऐसे प्रश्न आ जाते हैं, जिसका जवाब देना मुश्किल हो जाता है। अच्छे नतीजे को लेकर अभिभावकों का दबाव बच्चों पर होता है। जिससे कई बच्चे सुसाइड कर लेते है। ऐसी स्थिति ना हो इसको लेकर पीएम पेरेंट्स और बच्चों को सलाह देते हैं। पीएम मोदी बहुत छोटी- छोटी बातों पर ध्यान देते है। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम बहुत अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि, मार्च महीने से बोर्ड एग्जाम शुरू हो रहा है। बच्चे भय मुक्त होकर एग्जाम दें अच्छी सफलता बच्चों को मिलेगी।

निकाय चुनावों पर भी बोले मुख्यमंत्री

मंगलवार को निकाय चुनाव में मतदान को लेकर सीएम साय ने कहा कि, निकाय चुनाव में बहुत अच्छा रिजल्ट रहेगा। विधानसभा लोकसभा चुनाव में जिस तरह से सफलता मिली है, ऐसी ही सफलता निकाय चुनाव में मिलने वाली है। एक साल में निकायों के विकास के लिए 7000 करोड़ रुपये के काम स्वीकृत किए हैं। चुनाव कैंपेन में जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है और कांग्रेस को लोग वोट देने वाले नहीं। जनता समझ चुकी है कांग्रेस कहती कुछ है करती कुछ है। कांग्रेस पार्टी छल करती है और जनता को ठगने का काम करती है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं निकाय, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता मिलेगी।

सीएम साय ने साझा किए अपने स्कूल के अनुभव

परीक्षा पे चर्चा के बाद सीएम साय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि, मैं बड़ा तेज स्टूडेंट था, साइंस का स्टूडेंट था। जब मैं 10 साल का था तब पिताजी का साया नहीं रहा। परिवार में सबसे बड़ा भाई था, मेरे से तीन छोटे भाई थे। छोटा भाई 2 महीने का था जब पिताजी का देहांत हो गया। मेरी चिंता थी भाइयों को पढ़ाना है, माता- दादी का संभालना है। मैं पढ़ाई में बहुत तेज था क्लॉस में टॉप आता था। मेरी हैंडराइटिंग बहुत अच्छी थी, शिक्षक मेरी कॉपी को दूसरे क्लास के बच्चों को दिखाते थे। धीरे-धीरे चिंता सताने लगी, हमने नहीं सोचा था कि, सरकारी नौकरी करना है… विधायक बनना है… सांसद बनना है… प्रदेश अध्यक्ष बनना है… मुख्यमंत्री बनना है… ऐसा पता होता तो और अधिक पढ़ाई करते। जितना पढ़े वह खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त है ऐसी सोच थी।

छोटे भाइयों को दी उच्च शिक्षा

उन्होंने आगे कहा कि, हमने छोटे भाई को रायपुर से इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाया, एक भाई को लॉ कराया। मैं सोचा नहीं था मेरे साथ इतना अच्छा होगा और मुझे छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का मौका मिलेगा।

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