नई दिल्ली। Delhi Excise Policy Scam: दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट अपनना निर्णय सुनाएगा। तीन अप्रैल को अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने की।
Delhi Excise Policy Scam: कोर्ट में ईडी की दलील
Delhi Excise Policy Scam: ईडी ने याचिका के जवाब मे कहा था कि अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के मुख्य सरगना हैं। उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिनके आधार पर वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं। आम आदमी पार्टी ने घोटाले में हुई आय की एक हिस्से (लगभग 45 करोड़ रुपये कैश) का उपयोग गोवा के विधानसभा चुनावों 2022 में किया था। यह पैसा चुनाव अभियान में खर्च किया गया था।
ईडी ने जवाब में कहा कि आप ने अरविंद केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की है। यह अपराध धारा 70, PMLA 2002 के अंतर्गत आता है। आम आदमी पार्टी एक राजनीतिक दल है, जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29-ए के तहत पंजीकृत व्यक्तियों का संघ शामिल है।
Delhi Excise Policy Scam: केजरीवाल पर क्या हैं आरोप
Delhi Excise Policy Scam: ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने अभियान के वेंडर्स को दिए गए सभी बड़े भुगतान कैश में किए थे। इसकी जानकारी पासबुक में भी नहीं है। ईडी ने कहा कि हमारे पास वॉट्सऐप चैट और हवाला ऑपरेटरों के बयान हैं, हमारे पास बड़ी मात्रा में आयकर डेटा भी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल के अधिवक्ता ने ईडी के सभी समन को गैरकानूनी बताते हुए अपने मुवक्किल की रिहाई की मांग की।