
कोरबा, सांसद ज्योत्स्ना महंत अपने ग्रामीण अंचलो का इस समय लगातार दौरा कर रही इसी कड़ी मे बीते मगलवार को उन्होंने पालीतानाखार विधान सभा दुरुस्थ ग्राम पंचयात, साखो ओर केदई का दौरा किया। जहां जमीन मे बैठ कर ग्रामीणों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओ से अवगत हुई ग्रामीणों ने उन्हें पहुंचमार्ग बिजली नहीं होने की समस्या से अवगत कराया,ग्रामीण क्षेत्रों में डीएमएफ मद से पहुंच मार्ग के निर्माण की तैयारी चल रही है लेकिन कुछ पंचायतों में पंचायत भवन की दरकार आज भी बनी है। ग्राम पंचायत साखो एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां तक पहुंचने के लिए पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारी को डूबान क्षेत्र में नाव के सहारे पहुंचना पड़ता है। अगर सड़क मार्ग से जाना है तो उन अधिकारियों को कटघोरा से कोरबा और अजगरबहार होते हुए पहुंचने का एक रास्ता है, जब कभी अधिकारी ग्राम पंचायत साखो और बोड़ानाला का सड़क मार्ग से दौरा करते हैं तो इसके लिए उन्हें कटघोरा और कोरबा ब्लॉक के रास्ते जाना पड़ता है। ग्रामीणों के सामने आवागमन की एक समस्या बनी हुई है। हालांकि नाव के सहारे वह अपने ब्लॉक मुख्यालय पहुंच जाते हैं। सड़क मार्ग के लिए उन्हें जिला मुख्यालय आना आसान हो जाता है। अजगरबहार से सतरेंगा के बीच से रास्ता ग्राम पंचायत साखो के लिए जाता है। विडंबना यह है कि कोरबा ब्लॉक मुख्यालय के समीप आने वाली यह ग्राम पंचायत को अभी भी कोरबा ब्लॉक में शामिल नहीं किया गया है।
सासंद महंत ने किया दौरा
दो दिन पूर्व अपने ग्रामीण दौरा के तहत सांसद ज्योत्सना महंत जब सड़क मार्ग से होते हुए ग्राम पंचायत साखो पहुंचीं तो ग्रामीणों ने वहां की समस्याओं से अवगत कराया। उनके मुताबिक आज तक उनके ग्राम पंचायत के लिए पंचायत भवन का निर्माण नहीं हो सका है। ग्राम पंचायत में आज भी मूलभूत समस्याएं बनी हुई है। 3 हजार की आबादी वाले इस ग्राम पंचायत में 9 मोहल्ले आते हैं जिनमें दो मोहल्लों की दूरी 8 किमी है और सभी मोहल्लों में बिजली की समस्या बनी हुई है। जबकि पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अकांक्षी ब्लॉक में शामिल है।
बिजली विहिन मोहल्ला
बरभांठा, भदरापारा, ललरा, सिल्दा, अलगीडोगरी, कमरोडोहारी, जूरी, खोपखर्रा एवं रमई मोहल्ले आते हैं। गांव में पटवारी की उपस्थिति भी सप्ताह में एक दिन रहती है। गांव में बने नाव घाट में दो नाव की व्यवस्था किए जाने की मांग ग्रामीणों ने सांसद से की है। इसके अलावा सभी मोहल्लों में सड़क निर्माण तथा केंदई से नावघाट तक साढ़े तीन किमी तक सड़क की आवश्यकता जताई है।