Korba: एसपी ने जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर बारीडीह के तालाब में हुए राखड़ फिलिंग के जांच प्रतिवेदन का कॉपी मांगा है। एसपी के पत्र के बाद पंचायत के साइलेंट सिंडिकेड ठेकेदारों की मुश्किल बढ़ सकती है।
बता दें कि वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष वित्त आयोग छत्तीसगढ़ के द्वारा ग्राम बरीडीह में मनरेगा योजना अन्तर्गत खुदाई कराये गये तालाब को साजिश पूर्वक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मण्डल कोरबा, राखड परिवहनकर्ता ठेकेदार तथा राखड उपलब्ध कराने वाले संयंत्र प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा पाट देने के संबंध में दोषियों के विरूद्ध प्रथम सूचना दर्ज करने के संबंध में पुलिस थाना उरगा और जिला पुलिस अधीक्षक कोरबा को शिकायत प्रस्तुत की गई थी।
उपरोक्त शिकायत में उल्लेख था कि बरीडीह ग्राम का तालाब, जिसका मनरेगा योजना अन्तर्गत गहरीकरण वर्षा 2016-2017 में 12. 82 लाख रूपये के लागत से कराया गया था। जिसके लिए 12 लाख 81 हजार 700 रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति 30 दिसम्बर 2016 को आदेशित हुई। 23 जनवरी 2019 को कार्य प्रारम्भ होकर 19 जून 2019 को कार्य पूर्ण हुआ, जिसमें श्रमिक लागत 12 लाख 57 हजार 410 रूपये आई। तालाब का क्षेत्रफल लगभग 7000 वर्गमीटर था। इस तालाब को विद्युत संयंत्र से निकलने वाली राख ( फ्लाईएश ) से पाट दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक कोरबा ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र भेज कर कहा है कि प्रथम दृष्टया शिकायत आपके विभाग से संबंधित होना परिलक्षित हो रही है। उपरोक्त के संबंध में विस्तृत जांच कराते हुए, किन परिस्थितियों में मनरेगा योजना अन्तर्गत गहरीकरण कराये गये तालाव को राखड़ से पाट दिया गया तथा इसके लिये उत्तरदायी कौन-कौन है, अपराधिक कृत्य उजागर होने की स्थिति में दोषियों का भी स्पष्ट उल्लेख करते हुए प्रतिवेदन इस कार्यालय को उपलब्ध कराने का कष्ट करें, जिससे अग्रिम कार्यवाही की जा सके।