MP Brijmohan: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीमेंट कंपनियों ने अचानक 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि के बाद अब 45 रुपए दाम घटा दिए हैं। इस बढ़ी हुई कीमत के खिलाफ रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विरोध जताया और मुख्यमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री, और प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र लिखकर कीमतें वापस लेने की मांग की थी।
MP Brijmohan: सांसद ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ खनिज, लौह, कोयला, और ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध राज्य है, इसके बावजूद 3 सितंबर 2024 से सीमेंट की कीमतों में एकाएक वृद्धि की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमेंट कंपनियों ने मिलकर एक कार्टल बना लिया है, जिसके चलते सीमेंट की कीमतें प्रति बोरी 50 रुपए तक बढ़ा दी गई हैं, जिससे राज्य की जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
MP Brijmohan: सांसद ने पत्र में लिखा कि “छत्तीसगढ़ की सरकार को सीमेंट फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कीमतों की वृद्धि को वापस करानी चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके। राज्य में सीमेंट कंपनियों को खनिज, कोयला, ऊर्जा, और सस्ती बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी कीमतों में वृद्धि सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ की जनता पर भार डाल रही है।
MP Brijmohan: पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में सीमेंट का मासिक उत्पादन लगभग 30 लाख टन (8 करोड़ बैग) है। 3 सितंबर 2024 से पहले सीमेंट की कीमतें लगभग 260 रुपए प्रति बोरी थीं, जो अचानक 310 रुपए कर दी गई हैं। सरकारी और जनहित के प्रोजेक्ट्स के लिए मिलने वाला सीमेंट भी 210 रुपए से बढ़ाकर 260 रुपए प्रति बोरी कर दिया गया है।
MP Brijmohan: सांसद अग्रवाल ने पत्र में चिंता जताते हुए बताया कि कीमतों में इस अचानक वृद्धि का असर छत्तीसगढ़ में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, जैसे सड़क, भवन, पुल, नहर, स्कूल, कॉलेज, और पीएम आवास योजना पर पड़ेगा। इस वृद्धि के कारण सरकारी प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ जाएगी और गरीबों के लिए घर बनाना और भी कठिन हो जाएगा, जो राज्य और देश के हित में नहीं है।