रायपुर। Narco test: छत्तीसगढ़ में गंभीर आपराधिक मामलों में दोषियों का झूठ सामने लाने के लिए नार्को टेस्ट की सुविधा शुरु हो गई है। इसके लिए अक्टूबर में राज्य शासन के फॉरेंसिक साइंस लैब और एम्स के बीच एमओयू हुआ था। यहां रायगढ़ जिले से संबंधित एक केस में यहां प्रदेश में पहला नार्को टेस्ट किया गया है। आने वाले दिनों में कुछ अन्य प्रकरणों में इस तरह की पूछताछ किए जाने की तैयारी है। इससे पहले इस तरह के मामलों में नार्को टेस्ट के लिए पुलिस को संदेही को लेकर हैदराबाद, गुजरात अथवा चंडीगढ़ जाना पड़ता था।
Narco test: बता दें कि अक्टूबर 2023 में राज्य शासन की एफएसएल के संचालक राजेश मिश्रा और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की टीम के बीच नार्को टेस्ट को लेकर अनुबंध हुआ था। इस संबंध में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 27 जुलाई को एम्स के माध्यम से पहला नाकोएनालिसिस टेस्ट किया गया। यह प्रकरण रायगढ़ जिले की पूंजीपथरा थाने से संबंधित था।
Narco test: जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद रिपोर्ट एफएसएल के माध्यम से संबंधित थाने को भेज दी गई, जिस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नार्को टेस्ट एनेस्थीसिया, जनरल मेडिसिन, और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के सहयोग से फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग ने पूरी की। एम्स के कार्यकारी निदेशक अशोक जिंदल ने राज्य प्रशासन की सहायता के लिए इस प्रकार के परीक्षणों को शुरू करने की पहल करने के लिए विभिन्न विभागों को बधाई दी हैं।