कोरबा । वन्य प्राणियों के शिकार के संबंध में ग्राम दमिया निवासी महेन्द्र गंधर्व के घर से प्राप्त वन्य प्राणियों के शव एवं अंग के संबंध में वनमण्डलाधिकारी कटघोरा के निर्देशन में अपराध पंजीबद्ध कर अपराधियों की तलाश की जा रही थी। अपराधी बार-बार ठिकाना बदल रहे थे। जिससे उन्हें पकड़ने में परेशानी हो रही थी। वनमण्डलाधिकारी कटघोरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपराधियों को ग्राम दमिया में गिरफ्तार कर उनका बयान दर्ज किया गया है। सभी अपराधियों ने वन्यप्राणी का 11 के.व्ही. विद्युत प्रवाह तार जंगल में फैलाकर शिकार करना स्वीकार किया। अपराधियों के विरूद्ध भारतीय वन्यप्राणी अधिनियम 1972 के तहत् प्रकरण दर्ज कर न्यायालय पाली में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में अपराध सिद्ध होने से अपराधियों को जेल भेजा गया है। इस अपराध के मुख्य आरोपी महेन्द्र गंधर्व अभी भी फरार है। अपराध में शामिल महेन्द्र की पत्नी निर्मला बाई को भी जेल दाखिल किया गया है।
बता दें कि वनमंडलाधिकारी कटघोरा को दिनांक 18.07.2024 को सूचना प्राप्त होने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी पाली के 07 सदस्यीय टीम गठित कर उप वनमंडलाधिकारी पाली के द्वारा सर्च वारंट जारी कर ग्राम दमिया में महेन्द्र गंधर्व/संतराम गंधर्व के घर में सर्च करने पहुंचा, सर्च करने पहुंची टीम देख कर महेन्द्र एवं उसके साथी घर में ताला लगाकर फरार हो गये, तत्पश्चात् पुलिस के दो बल एवं राजस्व के आर. आई. को सूचना देकर बुलाया गया। महेन्द्र गंधर्व के घर में ताला लगा होने के कारण पुलिस, राजस्व एवं स्थानीय गांव के सरपंच, पंच की उपस्थिति में वन विभाग की टीम द्वारा पंचनामा तैयार कर ताला तोड़ा गया। ताला तोड़ने के पश्चात् घर के अंदर की तलाशी लिया गया। तलाशी के दौरान महेन्द्र गंधर्व के घर में कटा हुआ चीतल का मांस,एक नग भुना हुआ जंगली सुअर पाया गया। सभी 01 नग जंगली सुअर का शव 38 कि.ग्रा., 09 बंडल सेटरिंग तार, 02 नग नायलोन जाल, 01 नग फरसा, 01 नग प्लास्टिक बोरी खून से सना हुआ, 02 नग लकड़ी का गुटका, चीतल का मांस कटा हुआ बाल्टी में 16 कि.ग्रा. एवं बोरी में 38 कि.ग्रा., नायलोन जाली 02 गुच्छा, चीतल का सिंग 04 नग 01 नग चीतल का सिर वजन 2.500 कि.ग्रा., 02 बंडल बिजली तार, 01 नग कुल्हाड़ी, 01 नग दोपहिया वाहन क्रमांक सीजी 10 बीएच 0370 (हीरो स्पलैण्डर) को जप्तकर वन्यप्राणी के मांस एवं शव को पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया है।
इनका रहा योगदान
अपराधियों को पकड़ने में मुख्य रूप से संजय लकड़ा, परिक्षेत्र अधिकारी पाली, यशमन कुमार आडिल, सर्किल फारेस्ट ऑफिसर पाली, दीपक कुमार पटेल, बीट फारेस्ट ऑफिसर लाफा, राजेश कुमार धिरही, बीट फारेस्ट ऑफिसर पोटापानी, सुरेश सिंह ठाकुर, बीट फारेस्ट ऑफिसर पाली, श्रीमति सविता पटेल, बीट फारेस्ट ऑफिसर, श्रीमति अनिता कुंवर, बीट फारेस्ट ऑफिसर पूटा विरेन्द्र कुमार वाहन चालक का योगदान रहा।