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Jagannath Puri Temple: पुरी मंदिर रत्न भंडार की रक्षा करते मिले तक्षक नाग ?, जानें और क्या क्या मिला, किस रहस्य से उठा पर्दा

पुरी। Jagannath Puri Temple: रविवार को जब 4 दशक से ज्यादा समय के बाद पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रखे रत्न भंडार को दोबारा खोला गया तो इस बड़े रहस्य से भी पर्दा उठ गया। मान्यता है कि प्राचीन मंदिरों में जहां सोना-चांदी, खजाना रखा होता है उसकी रक्षा सांप करते हैं।

ऐसी मान्‍यताओं को देखते हुए पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर ट्रस्‍ट ने 14 जुलाई को खुलने जा रहे रत्‍न भंडार के मद्देनजर कुशल संपेरे को भी साथ रखा था। लेकिन, रत्न भंडार के अंदर जाने वाली टीम को अंदर दाखिल होने वालों को कहीं भी सांप नजर नहीं आए। बता दें कि भगवान लोकनाथ को रत्न भंडार का रक्षक माना जाता है और लोकनाथ मंदिर में आज्ञा माला होने के बाद प्रक्रिया शुरू की गई।

 

Jagannath Puri Temple: जबकि, प्रशासन रत्न भंडार में सांप मिलने की आशंका इसके लिए पूरी तैयारी पहले ही कर चुका था। प्रशासन ने एक सपेरे को भी साथ रखा था। इसकी जानकारी देते हुए पुरी कलेक्टर सिद्धार्ध शंकर ने कहा, हमें कोई सांप, कीड़े या रेंगने वाले जीव नहीं मिले।

 

Jagannath Puri Temple: खास बात है कि सांप मिलने की आशंका के चलते सरकार ने पहले ही 11 सदस्यीय एक स्नेक हेल्पलाइन तैयार कर ली थी। इसके अलावा किसी भी अनहोनी से बचने के लिए यूनिट के तीन सदस्य रत्न भंडार के बाहर खड़े हुए थे। साथ ही पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल को एंटीवेनम का स्टॉक तैयार रखने के लिए कह दिया था।

 

Jagannath Puri Temple: इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए स्नेक हेल्पलाइन के महासचिव सुभेंदु मलिक बताया कि, हम रत्न भंडार खोले जाने तक उपकरणों के साथ पूरी तैयारी में थे। हलांकि, कोई सांप नहीं मिले इसलिए हमारी सेवाओं की जरूरत नहीं पड़ी। सरकार की तरफ से गठित 16 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस विश्वनाथ रथ ने कहा कि रत्न भंडार खोले जाने से पहले बेकार की हाइप तैयार की गई थी।

 

Jagannath Puri Temple: उन्होंने कहा, अफवाहें फैलाई गईं थी कि जो लोग रत्न भंडार खोलेंगे, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होंगी। हम सभी रत्न भंडार खोलने के बाद सुरक्षित हैं। फिलहाल, पुरी मंदिर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था तेज कर दी गई है। सरकार ने कड़ी निगरानी के लिए राज्य और केंद्रीय बलों की तैनाती भी मंदिर के आसपास की है। RAF यानी रैपिड ऐक्शन फोर्स के कम से कम 85 जवानों ने मंदिर के बाहर सुरक्षा संभाली है। जबकि, राज्य पुलिस की 5 प्लाटून मंदिर के अंदर हैं।

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