न्यूज डेस्क.चित्रदुर्ग की अपोलो फार्मेसी में काम करने वाले रेणुका स्वामी की चाहत फिल्म स्टार दर्शन के लिए दीवानगी की हद तक थी. वो दर्शन की हर फिल्म फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखा करता था. यही वजह है कि जब दर्शन की शादीशुदा जिंदगी में पवित्रा गौड़ा की एंट्री हुई, रेणुका पवित्रा से नाराज़ रहने लगा. हालांकि ना तो रेणुका जाति तौर पर दर्शन को जानता था और ना ही पवित्रा को. दोनों की जिंदगी में उसकी हैसियत एक ऐसे मामूली फैन से ज्यादा कुछ नहीं थी. एक ऐसा फैन जिसे दर्शन और पवित्रा जानते तक नहीं थे. इसके बावजूद रेणुका अक्सर खुंदक में रहता था.
अक्सर पवित्रा गौड़ा को सोशल मीडिया पर गंदे मैसेज भेजा करता था. सोशल मीडिया पर पवित्रा को गंदे मैसेजेस भेजना, उसे दर्शन की जिंदगी से दूर चले जाने की बात कहना रेणुका के लिए एक आम बात थी. लेकिन उसे पता नहीं था कि उसकी इस आदत के चलते खुद उसी का हीरो अब उससे इतना खफा हो चुका है कि उसके नाम की सुपारी दे चुका है. ख़ैर 8 जून को जब चित्रदुर्ग में दर्शन के नाम से फैंस क्लब चलाने वाले राघवेंद्र ने रेणुका को फोन किया और दर्शन से मिलने का मौका देने की बात कही कि रेणुका स्वामी खुशी के मारे पागल हो गया.
वो अपने फेवरेट फिल्म स्टार से मिलने के लिए उसके साथ उसी वक्त जाने को तैयार हो गया. दर्शन के गुर्गे पिछले कई दिनों से रेणुका को ट्रैक करने की कोशिश में थे और जैसे ही उन्होंने उसके सामने दर्शन से मीटिंग का चारा फेंका, वो खुद ब खुद गुर्गों के जाल में आ फंसा. राघवेंद्र के बुलाने पर वो खुद अपनी स्कूटी लेकर चित्रदुर्ग के चल्लाकेरे इलाके में पहुंचा और वहां पहुंच कर उसने उसको फोन किया. इसके बाद राघवेंद्र ने उससे मुलाकात की और अपने साथ दर्शन से मिलने बेंगलुरु चलने को राजी कर लिया. उसने एक कैब बुक किया.
अपने कुछ साथियों के साथ रेणुका स्वामी को लेकर बेंगलुरु के लिए रवाना हो गया. रास्ते में ही उसे बाकी के गुर्गे भी मिले, जो सीधे रेणुका को लेकर बेंगलुरु के पट्टानागरे इलाके के उस शेड में लेकर पहुंचे, जहां आखिरकार उसको घंटो टॉर्चर के बाद मौत के घाट उतार दिया गया. उसके कत्ल की तफ्तीश में अब इस साजिश को लेकर जो बातें सामने आ रही हैं, वो चौंकाने वाली हैं. बेंगलुरु पुलिस राघवेंद्र और दूसरे गुर्गों को लेकर गुरुवार को चित्रदुर्ग के उसी इलाके में पहुंची, जहां उसने रेणुका को दर्शन से मिलने की बात कह उसे धोखे से बुलाया और अगवा कर लिया था.
बंगलुरु में शुरू हुआ रेणुका के साथ टॉर्चर का सिलसिला
पुलिस ने आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी कलेक्ट की, जिसमें राघवेंद्र और रेणुका दोनों नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में अपने अपहरण से पहले रेणुका राघवेंद्र की बताई हुई जगह यानी चल्लाकेरे गेट की तरफ जाता हुआ दिख रहा है. पुलिस को अभी और कुछ ऐसे किरदारों की तलाश है, जिन्होंने रेणुका को चित्रदुर्ग से अगवा करने में राघवेंद्र की मदद की थी. पुलिस सूत्रों की मानें तो बेंगलुरु लाए जाने के साथ ही रेणुका के साथ टॉर्चर का सिलसिला शुरू हो चुका था. हालांकि पहले तो उसे कुछ देर तक समझ ही नहीं आया कि ये सब उसके साथ क्या हो रहा है?
जिसे भगवान की तरह पूजा, उसने की बेरहमी से पिटाई
क्योंकि उसे दर्शन पर खुद से ज्यादा यकीन था, लेकिन यहां दर्शन के ईशारे पर खुद उसी के गुर्गे उसकी जान लेने पर आमादा थे. बेंगलुरु के एक सुनसान ठिकाने पर अब उसके साथ मारपीट, लोहे के गर्म छड़ से दाग़े जाने और दूसरे तरीकों के बर्बरता की शुरुआत हो चुकी थी. चूंकि दर्शन लगातार रेणुका को लेकर अपने गुर्गों के टच में था, जब उसे उसको बेंगलुरु लाए जाने की खबर मिली, तो वो खुद भी उस ठिकाने तक पहुंचा, जहां उसको बंधक बना कर रखा गया था. यहां पहुंचने के बाद उसे पहले रेणुका को बेल्ट से बुरी तरह से पीटा, जो उसको किसी भगवान की तरह पूजता था.