बिलासपुर। पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने आदेश जारी कर एक आरक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आरक्षक का नाम बबलू बंजारे है। बर्खास्तगी के पहले जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि बबलू बंजारे का अन्तर्राज्यी गैंगस्टर से रिश्ता है। आरक्षक का अपराधिक गतिविधियों में शामिल होेने का प्रमाण पाया गया है।
पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने और कुख्यात गैंगस्टर से प्रमाणिक रिश्ता पाए जाने की जानकारी के बाद आरक्षक बबलू बंजारे को बर्खास्त कर दिया है। जानकारी देते चलें कि पिछले दिनों थाना हिर्री थाना क्षेत्र के रतनपुर बाईपास स्थित ग्राम बेलमुण्डी के पास खूंखार अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने आरोपियों से पिस्टल, देशी कट्टा, धारदार चापड़ भी बरामद किया था। पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि आरोपी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
सूचना के बाद घेराबन्दी कर पुलिस टीम ने 10 अपराधियों जब्बार गौरी, इमरान कुरैशी, विनोद कुमार धृतलहरे, तरसेलाल भगत, अजमेरी, मो.फरमान, वाजीद कुरैशी, साकीब कुरैशी, नवील खान, दानिश कुरैशी को घेराबंदी कर पकड़ा गया। पकड़े गए आरोपियों में जब्बार गौरी उत्तर प्रदेश का खतरनाक अपराधी है। गौरी के खिलाफ गैगस्टर एक्ट समेत अनेक गंभीर अपराध दर्ज है। इमरान खान भी उत्तरप्रदेश का निवासी है। धरपकड़ कार्रवाई के दौरान आरोपयों ने चुनौती देते हुए गोली मारने की धमकी दिया।
पूछताछ और छानबीन के दौरान गिरफ्तार आरोपियों की मोबाईल में आरक्षक 1187 बबलू बंजारे, थाना सिरगिट्टी के फोन से लगातार संपर्क में रहना पाया गया। आरक्षक के आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर होने के बाद पुलिस कप्तान ने 12 मई को बबलू बंजारे को निलंबित किया। साथ ही जांच का आदेश भी दिया।
चैट और फोन काल से हुआ खुलासा
जांच पड़ताल के दौारन आरोपियों की मोबाइल में आरक्षक आरक्षक बबलू बंजारे का व्हाट्सएप चैट पाया गया। काल डिटेल में पाया गया कि बबलू बंजारे गैंगस्टरों से लगातार संपर्क में था। कार्रवाई के दौरान भी दुर्दान्त अपराधियों से करीबी मित्र की तरह व्हाट्सएप चैट कर रहा था। चैट में पाया गया कि बबलू बंजारे की अपराधियों से घनिष्ठता है। उसने फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग की गोपनीय जानकारी भी आरोपियों से साझा किया है। चैट में बबलू ने आरोपियों को ना केवल बारकोड भेजा है। बल्कि पेमेंट का स्क्रीन शॉट भी साझा किया है। इस तरह आरक्षक की अवैध और खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता पायी गयी।
अपराधिक गतिविधियों में शामिल
इसके पहले भी बबलू बंजारे की संलिप्तता थाना सकरी के छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, में भी पाया गया था। था। एक अन्य प्रकरण में भी आरक्षक को महिला थाना ने बलात्कार के प्रकरण में अभियोजित किया था। आरोपों से बचने के लिए आरक्षक ने विभागीय जांच की कार्यवाही में फर्जी चिकित्सकीय दस्तावेज पेश किया। ऐसा कर लगाए गए आरोपों को झुठलाने का प्रयास किया था।
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि आरक्षक ने पुलिस नौकरी की आड़ में खतरनाक अपराधियों से संपर्क में रहकर लगातार मदद किया है। आरक्षक के आपराधिक हौसले इतने बुलंद हैं कि आपराधिक संलिप्तता उजागर होने के बाद भी लगातार अपराधिक गतिविधियों को पर्दे के पीछे से अंजाम दे रहा है।
आरक्षक की सेवा खत्म
रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने कठोर कदम उठाते हुए बबलू बंजारे को पुलिस सेवा कार्य से बर्खास्त कर दिया है। पुलिस कप्तान ने भारतीय संविधान की कंडिका 311 के ख ड (2) के उपखण्ड ‘‘ख’’ के तहत आरक्षक 1187 बबलू बंजारे को पुलिस सेवा से मुक्त किया है। बबलू बंजारे इस समय पुलिस लाइन में पदस्थ है। साथ ही पुलिस कप्तान ने असामाजिक गतिविधियों में शामिल या असामाजिक तत्वों का सहयोग करने वालों पर कठोर कार्यवाही का फरमान सुनाया है। साथ ही पुलिस छवि को धूमिल करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही है।