कटाक्ष

Gadar and Sadar : चमकेगा पुलिसिया डंडा,जयचंदों की फौज मौज में…बानी की कहानी से गोबर पेंट भी पानी-पानी,आप की ​पेशगी और केजरीवाल का दांव…

वास्तविक अवतार में तब चमकेगा पुलिसिया डंडा

साल 2018 विधानसभा चुनाव के पहले जारी हुए रमन का चश्मा गाना सुपरहिट हुआ था। इस चुनाव पुलिस का डंडा हिट होने वाला है। बात कुछ ऐसी है कि अचार संहिता लगने में महज कुछ दिन बाकी रह गए हैं। इससे पहले पुलिस का डंडा एक बार फिर गुंडों बदमाशों पर चलेगा। कहा तो यह भी जा रहा है शहर के वायलेंस पसंद लोगों की कुंडली तैयार है और इस महीना के अंत तक जिला बदर की लिस्ट जारी होने वाली है।

जारी होने वाली लिस्ट में किस किसका नाम है इससे लोगों की धड़कन बढ़ गई है। वैसे तो चुनाव की घोषणा होते ही पुलिस अपने वास्तविक रूप में प्रकट होकर गुंडे बदमाशों की खातिरदारी करती है। ऐसे में स्वाभाविक है इस चुनाव में भी पुलिस के डंडे का जोर रहेगा। क्योंकि आचार संहिता लागू होते ही “रेड लाइन” का वीटो पॉवर पुलिस के हाथ मे आ जाएगा ।

हालांकि कप्तान के नाम से ही गुंडे बदमाश खौफ खाते हैं तो चुनाव में कोई बखेड़ा होने का चांस कम है। लेकिन, चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से कराने पुलिस रेड लाइन का डंडा तो हांकना ही पड़ेगा। अभी से पुलिस चुनावी मूड में आ चुकी है। वाहनों की चेकिंग के साथ साथ बंटने वाले वाइन और नोट पर नजर है। हालांकि चुनाव लड़ने वाले नेता सामग्री बांटने में पुलिस की सोच से एक कदम आगे हैं। ये बात अलग है प्रत्याशियों की रेवड़ी पर पुलिस की नजर है। मतलब साफ है मतदाताओं को प्रलोभन देकर वोट खरीदने की आस पर खटास होना तय है।

विधानसभा …जयचंदों की फौज मौज में…

“युद्धों में कभी नहीं हारे , हम डरते हैं छल-छदों से , हर बार पराजय पायी है ,अपने घर के जयचंदों से….! कवि कुमार विश्वास की कविता की ये पंक्तियां आसन्न कोरबा विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में सटीक बैठती है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में ऐसे जयचंदो के भरोसे सत्तारूढ़ दल और विपक्षी नेता चुनाव में अपना भविष्य खोज रहे हैं जो पार्टी नेतृत्व से रुष्ठ हो और घात के अवसर  तलाश कर रहा हो।

इस चुनाव में पार्टी के जयचंदों की भूमिका अहम हो गई है। एक तरफ 15 साल से एक चेहरा और बाकी प्यादे- मोहरे वाली बात पार्टी के अंदरखाने में खलबली मचा रही है तो दूसरी तरफ भाजपा के वे नेता टिकट वितरण से अंदर ही अंदर टूट चुके हैं जो मैं नहीं तो कौन… कहते हुए जयचंद की भूमिका निभाने तैयार है।

मतलब साफ है पार्टी के जयचंदों से ही हार और जीत तय होगी। कहा तो यह भी जा रहा है भाजपा प्रत्यशी के लाख मनाने के बाद भी पार्टी के पॉवरफूल नेताजी घास नहीं डाल रहे हैं। हालांकि अभी चुनाव में समय है लेकिन, उतना भी समय नहीं है कि रूठे नेताओं को मना कर हाथ मिलाया जा सके।

वैसे चर्चा इस बात की भी जोरों पर हैं कि चुनाव के पहले बैग और साड़ी तो बंट चुके हैं। अब मतदाता गाड़ी बांटने वाले नेताजी का राह तक रहे हैं। खैर विधानसभा चुनाव का नतीजा जो भी आए पर जयचंदों की फौज की हर तरह से मौज रहेगी..!

बानी की कहानी से गोबर पेंट भी पानी-पानी…

सूबे के मुखिया ने जब से सरकारी भवनों में गोबर पेंट से रंग रोगन करने का निर्देश क्या जारी किया ट्राईबल के मानचित्रकार की तो निकल पड़ी..! कहते हैं चोर चोरी से जाता है सीनाजोरी से नहीं। ठीक इसी तर्ज पर साहब ने सरकारी बिल्डिंगों की पोताई के लिए एक के बाद एक 50 लाख का पेंट खरीद डाला, मगर उत्पादन तो हुआ नहीं तो खरीदा कहां से..!

खबरीलाल की माने तो चिर्रा गौठान के द्वारा संचालित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से लगभग 2 हजार लीटर गोबर पेंट बना। जिसमें से 18 सौ लीटर बिक्री हुई वो भी प्रति लीटर 150 रुपए की दर से, मतलब 2 लाख 70 हजार का पेंट बेंचे हैं तो अकेले ट्राईबल डिपार्टमेंट के बानी ने 50 लाख का पेंट बिल्डिंगों में लगाया कहाँ से..!

कहा तो यह भी जा रहा है कि साहब पानी को पेंट बनाकर रकम निकालने की फिराक में हैं। बानी की कहानी सुनकर डिपार्टमेंट के लोग चौंक गए हैं और कहने लगे है साहब तो खिलाड़ी निकले। वैसे साहब की डेयरिंग देख तो लगता है किसी खास अधिकारी का आशीर्वाद है। क्योंकि साहब हर तीसरे दिन दुर्ग चले जाते हैं और वो भी बिना किसी सक्षम अधिकारी के बिना अनुमति। इससे जाहिर है फील्ड का काम.. रघुपति राघव राजा राम, जितना पैसा  उतना काम…!

गदर और सदर

चार दिन पहले भिलाई में गदर फिल्म देकर जोश में हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर एक युवक की जान चली गई। सिरफिरे लोगों के एक हूजूम ने युवक की छाती पर चढ़कर उसकी पसली तोड़ डाली इससे उसकी मौत हो गई। ये घटना पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में नहीं हुई जहां गदर फिल्म के हीरो को भीड़ ने घेर रखा हो बल्कि ये घटना छत्तीसगढ़ के मिनी भारत कहे जाने वाली इस्पात नगरी भिलाई में युवक के दोस्तों के सामने हुई। इस घटना से लोगों में गुस्सा के साथ हैरानी भी है। क्या गृह विभाग के सदर के होम्स डिस्ट्रीक्ट में अपराधियों के इस कदर बैखौफ इरादे सूबे के लिए आने वाली किसी अनहोनी के संकेत हैं।

भिलाई और दुर्ग में ​हत्या लूट, बलात्कार, जूआ सट्टा, शराब बिक्री और देह व्यापार रोजमर्रा की बात हो चुकी है। मृतक युवक अल्प संख्यक समाज का था और समाज के लोग इस घटना के आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। पर पुलिस विभाग के सदर और सरकार के मंत्री चुप हैं। क्या सिख समाज अल्प संख्यक समाज का हिस्सा नहीं है। अगर है तो सरकार अब तक क्या कर रही है। अगर सदर के गृहजिला में इसी प्रकार गदर मचता रहा तो फिर बाकी जिलों के हाल की कल्पना आसानी से की जा सकती है। सरकार को चाहिए कि वो इस की घटना पर तत्काल रोक लगाए।

आप की ​पेशगी और केजरीवाल का दांव

आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी 10 गारंटी का ऐलान कर दिया। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जगदलपुर में जनता से वादा किया कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो वह एक महीने के अंदर छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में ‘पेसा’ कानून लागू करेगी।

ऐसा करके एक तरीके से केजरीवाल ने आदिवासी जिलों में कांग्रेस के लिए सुरक्षित वॉल में सेंध लगा दी है। पेसा कानून को लेकर आदिवासी समाज काफी मुखर है। सर्व आदिवसी समाज भी इस मुद्दे को लेकर कई आंदोलन चला चुका है।

इसके अलावा अन्य 9 गारंटी में मुफ्ट बिजली, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और युवाओं की बात की गई है। केजरीवाल के इस दांव से अगर सर्व आदिवासी समाज आम आदमी पार्टी से जुड़ता है तो फिर आप की ये ​पेशगी आने वाले चुनाव में सत्ता की चा​बी हो सकती है। इसके अलावा अन्य 9 गारंटी में मुफ्त बिजली, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और युवाओं की बात की गई है। केजरीवाल के इस दांव से अगर सर्व आदिवासी समाज आम आदमी पार्टी से जुड़ता है तो फिर आप की ये ​पेशगी आने वाले चुनाव में सत्ता की चा​बी हो सकती है।

    ✍️अनिल द्विवेदी , ईश्वर चन्द्रा

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